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गज़ब: छत्तीसगढ़ के शिल्पकार ने बनाया 40 घंटे तक जलने वाला मिट्टी का दीया, जानें दाम
Last Updated on October 31, 2020 by
नई दिल्ली। आमतौर पर बनाए जाने वाले मिट्टी के दीये 2 से 3 घंटे तक जल पाते हैं। इसके बाद या तो दीये का आकार बड़ा करना पड़ता है या तो उसमें और तेल डालना पड़ता है। लेकिन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोंडागांव के रहने वाले एक शिल्पकार अशोक चक्रधारी ने 24 से 40 घंटे तक लगातार जलने वाला मिट्टी का दीया बनाकर सभी को हैरान कर दिया है। इसमें खुद-ब-खुद तेल का प्रवाह होता रहता है। उन्होंने बताया, ’35 साल पहले मैंने एक दीया देखा था। उसी को याद करके मैंने इसे बनाया है।’ बकौल चक्रधारी, ‘हमने इसकी कीमत 200 से 250 रुपए रखी है।’
कुम्हार को मिला 75 हजार का ईनाम; बताया दिया कैसे करता है काम
कुम्हार अशोक चक्रधारी अपनी खास कला के माध्यम से जाने जाते है। उनकी बनाई चीज से प्रभावित होकर केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय ने भी इन्हें नेशनल मेरिट प्रशस्ति अवार्ड पत्र व 75 हजार रुपए देकर सम्मानित किया है। अशोक महज चौथी क्लास तक पढ़े है, लेकिन उनकी कला हर बार मेरिट में आने वाले छात्र की तरह दिखाई पड़ती है। अशोक बताते हैं कि दीया साइफन विधि से काम करता है। उन्होंने बताया कि यह दीया दूसरों से अलग है। पहले मिट्टी से दीया तैयार करते है, फिर एक गुंबद में तेल भर कर दीये के ऊपर पलटकर रख देते है। इस गुबंद की टोटी से तेल बूंद-बूंद कर टपकता रहता है। दीये का तेल जैसे ही खत्म होता है तो अपने आप टोटी से तेल टपकता है। जैसे ही तेल दीया में भर जाता है, तो तेल का रिसाव बंद हो जाता है।
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उन्होंने बताया कि तेल कम होने पर ही दीये में तेल का रिसाव होता है। यह सारा काम टोटी में वायु के दबाव से होता है। टोटी में वायु के लिये रास्ता अलग से बना हुआ है। इस विधि को साईफन विधि कहा जाता है। उन्होंने बताया कि मुझे इस साल नवरात्रि में किसी ने फोन करके बताया कि आपने जो दीया बनाया है, हमें भी वैसा दीया चाहिए। मुझे पता चला कि मेरा वीडियो वायरल हो गया है। जिसके कारण मुझे लोग कॉल कर रहे हैं। हम रोज़ 50-60 ऐसे विशेष दीए बना रहे हैं।