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शिमला। 1992 के बाद जनवरी में एक दिन में हुए हिमपात के रिकॉर्ड टूट गए हैं। प्रदेश की राजधानी में 24 घंटे से लगातार हो रही बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शिमला में आज शाम तक 2 फीट से ज्यादा बर्फ दर्ज की गई है। जहां एक ओर बिजली की तारें टूटीं हैं, वहीं सड़कें बंद हैं। दूसरी और शिमला और नारकंडा में पर्यटक होटलों में ही फंसे हैं। 200 से ज्यादा पर्यटक होटलों में रुक गए हैं। हालांकि एसडीएम रामपुर ने नारकंडा का दौरा किया और आधा दर्जन के कैब गाड़ियों को वाया बसंतपुर निकला गया। बर्फबारी के चलते जहां बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है, वहीं दूध तथा पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है।
बर्फबारी के चलते जहां बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है, वहीं दूध तथा पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है। यहां घूमने आए पर्यटक वापस नहीं जा पा रहे हैं। वहीं प्रदेश सरकार ने पर्यटकों से अपील की है कि अगले 12 घंटों तक होटलों से बाहर न निकलें। उधर, पिछले 24 घंटे में तापमान में भारी गिरावट आई है। शिमला में न्यूनतम तापमान-0.2 डिग्री सेल्सियस, मनाली में -0.7, कल्पा में सबसे कम-0.8 तथा केलांग में -2.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 12 घंटे मौसम खराब रहेगा और कल तक मौसम साफ होने जी उम्मीद है। अभी तक प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों 6 इंच से लेकर 3 फीट तक बर्फ दर्ज की गई है। इस बर्फबारी से बागबानों एवं पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की उम्मीदें बढ़ी हैं।
डलहौजी में कई पर्यटक वाहन मार्ग पर फंसे
हिमाचल प्रदेश के डलहौज़ी सहित जिला चंबा के उपरी इलाको में पिछले दो दिनों से जारी भारी बर्फबारी के कारण आज देश के शेष हिस्से से कई इलाकों का संपर्क टूटा रहा है। भारी हिमपात से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई पर्यटक वाहन मार्ग पर फंसे हुए हैं। पर्यटन नगरी डलहौज़ी में बर्फबारी देखने पहुंचे कई पर्यटक वाहन सड़क मार्ग पर फंस गए हैं। जिला के अधिकांश स्थानों पर पारा जमाव बिन्दूसे नीचे रहा, जबकि डैनकुंड व कालाटोप सबसे ठंडा स्थान रहे। इसके साथ ही सैलैनियो ने बर्फबारी का जमकर आनंद उठाया। हालांकि लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पानी की पाइपें टूटी,जनजीवन प्रभावित
मंडी जिला के लोग बीते तीन महिनों से बारिश की बौछारों के लिए तरस रहे थे और अब जब इंद्र देव बरसे हैं तो कुछ इस कद्र रहमत दिखाई है कि लोगों के मन की आस पूरी हो गई है। मंडी जिला के उपरी इलाकों में भारी हिमपात भी हुआ है। जिसमें शिकारी देवी, कमरूघाटी, बरोट और पराशर की पहाड़ियों सहित कई नीचले इलाकों में भी ताजा हिमपात हुआ है। बर्फबारी और बारिश के कारण जिला के अधिकतर स्थानों में बिजली गुल हो गई है, पानी की पाइपें टूट गई हैं और कई क्षेत्रों का संपर्क कट गया है।
इनमें जंजैहली घाटी मुख्य रूप से है जहां भारी बर्फबारी के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। वहीं ज्यूणीघाटी भी बर्फबारी के कारण बाकी स्थानों से कट गई है। हालांकि मौसम साफ रहने के बाद ही यहां पर बर्फ हटाने का कार्य हो पाएगा और बिजली पानी की व्यवस्था सुचारू हो पाएगी। लेकिन, इस बारिश और बर्फबारी ने आम लोगों को बहुत बड़ी राहत दी है।
शिमला। मौसम की चाल ने शिमला को पूरी तरह से बेहाल कर दिया है। हर तरह सफेद आफत और फिर इससे बचने के जुगाड़ में लगे लोग ही नजर आ रहे हैं। जैसे-जैसे दिन बढ़ रहा है वैसे-वैसे सफेद आफत का कहर भी सामने आता जा रहा है। अब तक राजधानी में इस सफेद आफत ने खूब कहर ढहाया है, हालांकि किसी तरह का कोई जानी नुकसान तो अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन कई जगह ऐसे हालत बन गए हैं कि कई परिवार बेघर होने की कगार पर खड़े हैं। छोटा शिमला स्थित ब्रोक्रहर्स्ट के डिपो के समीप एक रिहायशी मकान पर भारी भरकम देवदार का पेड़ गिर गया। इस हादसे में चार मंजिला मकान को भारी नुकसान हुआ है। हालांकि हादसे में किसी तरह के जानी नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन चारों तरफ बिखरी बर्फ ओर कंपकंपाती ठंड में चार परिवार सड़क पर आ गए हैं। बताया जा रहा है कि देवदार के पेड़ के गिरने से चार मंजिला मकान काफी हद तक क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसके बाद उसके गिरना का खतरा बन गया है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि अब घर पूरी तरह से असुरक्षित होकर रह गया है। उनका कहना है कि ठंड में बेघर होना बहुत दुखदायी है। इसके साथ ही सिटी के अलग-अलग हिस्सों में भी बर्फबारी के बाद भारी नुकसान की खबर है। सड़क किनारे पार्क की गई कार पर पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त हो गई। इसके साथ ही कई कुछ एक घरों पर पेड़ गिरने से नुकसान की खबरें हैं। वहीं राजधानी की रफ्तार बर्फबारी ने रोक दी है। जगह-जहग पेड़ गिरने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। व्यवस्था सुधारने के लिए ट्रैफिक को वाया ढली बदला गया है। उधर, एसपी शिमला का कहना है कि हालत सुधारने के लिए प्रयास कि जा रहे हैं। बर्फ के कारण कुछ रोड बंद हुए हैं। एमसी स्नो कटर से केएनएच और आईजीएमसी क्षेत्र की सड़कों से बर्फ हटाने का काम कर रही है। प्रशासन से भी सहयोग मांगा गया है कि आपातकालीन मार्ग को तुरंत बहाल किया जाए, ताकि लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो। उनका कहना है कि मुश्किल की इस घड़ी में पीडब्ल्यूडी का रवैया सहयोग पूर्ण नहीं रहा।
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