- Advertisement -
नितेश सैनी/सुंदरनगर। प्रदेश राज्य दलित एवं अल्पसंख्यक सोशल रिफार्म के प्रदेशाध्यक्ष एजी शेख ने प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह द्वारा धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी राजधानी का दर्जा देने के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सीएम व सरकार केवल राजनीतिक फायदा के लिए कांगड़ा जिला व वहां के लोगों का इस्तेमाल कर प्रदेश की अन्य जनता के साथ छल कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक कोने में जहां शिमला है, वहीं धर्मशाला भी दूसरे कोने पर पड़ता है। ऐसे में लोगों की समस्याओं का समाधान फिर भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुंदरनगर को राजधानी बनाने का मुद्दा उठता रहा है। जो प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है और यहां पर सरकारी भवन बनाने के लिए उपयुक्त स्थान भी उपलब्ध है।
पूर्व सीएम शांता कुमार भी एक समय से सुंदरनगर को दूसरी राजधानी बनाने के हिमायती रहे हैं। वहीं, सुंदरनगर को राजधानी बनाने की मांग को लेकर लंबे समय तक आंदोलन भी चला। उस समय सरकार ने कहा कि शिमला से राजधानी कहीं और ले जाने की सरकार को कोई मंशा नहीं है, क्योंकि प्रदेश का बजट इसके लिए मंजूरी प्रदान नहीं करता है। अब जबकि सरकार 35 हजार करोड़ से अधिक के कर्ज में डूबी हुई है और कर्मचारियों व पेंशनरों को देने के लिए पैसे भी कर्ज पर सरकार को लेने पड़ रहे है। ऐसे में अगर धर्मशाला को दूसरी राजधानी का दर्जा दिया जाता है तो इससे प्रदेश में वित्तीय बोझ बढ़ेगा, क्योंकि धर्मशाला में सुविधाएं जुटाना बेहद महंगा साबित होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिमला के उपरांत सुंदरनगर ही एक ऐसा स्थान है, जहां पर हर सरकारी कार्यालय अपने भवन में हैं और यहां का मौसम भी सालभर आवगमन के लिए सबसे अनुकुल रहता है। यहां पर राजधानी बनाने के लिए सरकार को जनहित में फैसला लेना चाहिए। क्योंकि यहां पर राजधानी के लिए सुविधाएं जुटाना सबसे आसान और कम खर्चीला होगा। उन्होंने जिला मंडी और प्रदेश के सभी नेताओं से जनहित में इसे समर्थन करने के लिए एकजुट होने की अपील की है।
- Advertisement -