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लोकिन्दर बेक्टा/ शिमला। मुसीबत के समय अब दिव्यांगों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। दिव्यांगों के एक क्लिक से उनकी मदद के लिए पंजीकृत नंबरों पर आॅटोमैटिक काॅल चली जाएगी, जिससे दिव्यांगों को मुसीबत के दौरान काफी मदद मिलेगी। इसके लिए राज्य में रहने वाले दिव्यांगों की मदद को समर्थ नामक ऐप तैयार की गई है। इस ऐप में न केवल उनके अधिकारों का जिक्र है, बल्कि उनकी मदद को सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए हैं और क्या सुविधाएं उनके लिए सरकार दे रही है, इसका विवरण होगा।
इस मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल को रामपुर उपमंडल प्रशासन ने कोशिश एक आशा और साइबरेन साफ्टवेयर सॉल्यूशन के साथ मिलकर तैयार किया है, जिसे मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने गुरुवार को लांच किया। इस मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल में दिव्यांग अपनी जानकारी भी अपलोड कर सकते हैं। इसमें दिव्यांग के ऐप में पंजीकृत की सुविधा है और एसओएस की भी सुविधा है। इसमें यदि कोई दिव्यांग किसी मुसीबत में है तो एसओएस बटन दबाने पर इसमें पंजीकृत फोन नंबर पर खुद कॉल चली जाएगी और फिर दिव्यांग को मदद मिलेगी। इसके अलावा इसमें यह सुविधा भी है कि सरकार द्वारा उनके कल्याण के लिए उठाए जाने वाले हर कदम और फैसले की जानकारी तुरंत उन तक पहुंचेगी।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने रामपुर प्रशासन के इस प्रयास को सराहनीय बताते हुए कहा कि इससे दिव्यांगों तक कई अहम जानकारी पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि इस समर्थ नाम के ऐप की खासियत यह है कि यह अहम जानकारी देती है और जानकारी ही शक्ति है। उनका कहना था कि यदि जानकारी ही सरकारी फाइलों में दबी रहे तो पात्र लोगों को लाभ नहीं मिलेगा। यह जानकारी पब्लिक डोमेन में लाकर अच्छा काम किया गया है इस प्रयास का प्रदेशभर में इस्तेमाल किया जाएगा। एसडीएम रामपुर डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि समर्थ नाम से तैयार इस वेब पोर्टल और मोबाईल एप पर कोई भी दिव्यांग अपनी सारी सूचनाएं लोड कर सकता है।
दिव्यांगों को मिलेगी अधिकारियों की जानकारी
इस ऐप में दिव्यांगों को मिलने वाली सरकारी सहायता, अन्य सुविधाएं एवं भविष्य में लगने वाले कैंप की जानकारी उपलब्ध होगी। ऐप में दिव्यांगों के लिए बने नियम और कानूनों का भी उल्लेख किया है, ताकि हर दिव्यांग अपने अधिकारों को आसानी से समझ सके। उधर, दिव्यांगों के लिए कार्य करने वाली संस्था कोशिश एक आशा के सचिव विक्रांत बिष्ट ने कहा कि इस मोबाइल ऐप से दिव्यांग को वे सारी सूचनाएं मिलेगी, जिससे उन्हें लाभ होगा। उनका कहना था कि इस अनूठी पहल से हर दिव्यांग को मदद मिलेगी और वह अधिकारों से लेकर उन्हें मिलने वाली सारी सुविधाओं की जानकारी हासिल कर सकता है।
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