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2019 में दुनिया में जितने बच्चों की मौतें हुईं उनमें से 1/3 भारत-नाइजीरिया में; फिर भी बाल मृत्युदर में आई कमी
Last Updated on September 11, 2020 by
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (UN) की ‘बाल मृत्युदर के स्तर व रुझान रिपोर्ट-2020′ (Child mortality level and trends report -2020) के मुताबिक, भारत में 5-वर्ष से कम आयु के बच्चों की मौतों की संख्या 1990 में 34 लाख के मुकाबले 2019 में 8.24 लाख रह गई। इसका मतलब ये हुई कि भारत की बाल मृत्युदर में 1990 से 2019 के बीच काफी कमी आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल जिन बच्चों की मौतें हुईं उनमें करीब एक तिहाई बच्चे भारत और नाइजीरिया के थे। हालांकि इस रिपोर्ट में इस बात को लेकर भी सचेत किया गया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी वैश्विक स्तर पर बाल मृत्यु में आई कमी की दिशा में दशकों में हुई प्रगति पर पानी फेर सकती है।
नाइजीरिया, भारत और पाकिस्तान समेत 5 देशों में हुई 49 प्रतिशत मौतें
रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच साल से कम आयु के बच्चों की मौत की संख्या 1990 में एक करोड़ 25 लाख से कम होकर 2019 में 52 लाख रह गई। वहीं, पिछले करीब 30 साल में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार से बाल मृत्युदर में कमी आई है, लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण वैश्विक सेवाओं में बाधा पैदा हुई है, जिनसे बच्चों की मौत की संख्या में गिरावट की दिशा में बड़ी मुश्किल से दशकों में हुई प्रगति पर पानी फिर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में शिशु मृत्युदर (प्रति 1,000 जीवित शिशुओं की मौत) 1990 में 89 की तुलना में पिछले साल 28 रह गई।
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देश में पिछले साल 6,79,000 शिशुओं की मौत हुई थी, जबकि 1990 में यह संख्या 24 लाख थी। भारत में 1990 में लड़कों की बाल मृत्युदर 122 और लड़कियों की बाल मृत्युदर 131 थी। पिछले साल लड़कों की बाल मृत्युदर 34 और लड़कियों की मृत्युदर 35 रही। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2019 में पांच साल से कम आयु के जिन बच्चों की मौत हुई, उनमें से आधे बच्चों की मौत (49 प्रतिशत) पांच देशों- नाइजीरिया, भारत, पाकिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और इथियोपिया में हुई। केवल नाइजीरिया और भारत में करीब एक तिहाई बच्चों की मौत हुई।’