-
Advertisement
चीन ने नेपाल की ही जमीन पर कर लिया कब्जा: सड़कों पर उतरे लोग, #Go_Back_China के लगे नारे
Last Updated on September 23, 2020 by Deepak
काठमांडू। दोस्त बनकर खंजर घोंपने का काम चीन (China) से बेहतर कौन ही कर सकता है। कुछ दिनों पहले जिस नेपाल (Nepal) को अपने इशारे पर नचाते हुए चीन ने भारत की खिलाफत में इस्तेमाल किया था। अब चीन ने उसी नेपाल की जमीन पर अपना कब्जा जमा लिया है। दरअसल, चीन ने नेपाल की जमीन पर कब्जा करते हुए 9 इमारतें बना लीं। चीन के इस कदम के बाद नेपाल की सरकार हरकत में आ गई है। इस मसले को लेकर नेपाल में जोरदार विरोध शुरू हो गया है। नेपाल में चीनी दूतावास के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए हैं और गो बैक चाइना के नारे लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर लिया हुआ है जिस पर लिखा, ‘बैक ऑफ चाइना’ (Go Back China)। उन्होंने चीन से मांग की कि नेपाल की जमीन पर अतिक्रमण बंद करे।
नेपाल ने ठोंका अपना दावा; चीन ने कहा 1 किमी आगे तक हमारी जमीन
बतौर रिपोर्ट्स, नेपाल के हुम्ला जिले में सीमा स्तम्भ से दो किमी भीतर नेपाली भूमि कब्जा करके चीन के सैनिकों ने 9 भवनों का निर्माण किया है। इतना ही नहीं, वहां नेपाली नागरिकों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस इलाके पर नेपाल अपना दावा करता आया है। इसके चलते दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा विवाद की शुरुआत हो गई है। नेपाली मीडिया में चीन के घुसपैठ की तस्वीरें वायरल होने के बाद ओली सरकार दबाव में है और इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय को दी गई है। नेपाल के स्थानीय अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चीनी पक्ष ने दावा किया है कि जिस क्षेत्र में वे मकान बने हुए हैं, वह इलाका उनकी सीमा में आता है। वहीं, चीनी सुरक्षा अधिकारियों ने दावा किया कि जहां इमारतें स्थित हैं, उसके दक्षिण में उनकी सीमा एक किलोमीटर आगे तक है।
यह भी पढ़ें: सड़कों पर उतरे Punjab-Haryana के किसान: लंबे ब्रेक के बाद किसानों की आवाज बनकर लौटे सिद्धू
मामले की जानकारी मिलते हुए गृह मंत्रालय पूरी तरह से हरकत में आया। मंत्रालय ने सरकारी अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख, हुमला से नाम्खा ग्रामीण नगर पालिका के स्थानीय सरकारी प्रतिनिधियों को निरीक्षण करने और एक रिपोर्ट सौंपने के लिए वहां पर भेजा। इस रिपोर्ट के इस सप्ताह के अंत तक आने की उम्मीद है। हुमला के सांसद चक्का बहादुर लामा का कहना है कि क्षेत्र में एक बॉर्डर पिलर गायब होने के बाद इस विवाद ने जन्म लिया है। लामा ने कहा, ‘जब तक दोनों पक्ष गायब हुए पिलर की जगह का पता नहीं लगा सकेंगे, तब तक यह विवाद जारी रहेगा। लगभग 12 साल पहले नेपाली क्षेत्र में सड़क निर्माण के दौरान पिलर डैमेज हो गया था।’