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क्या ‘जंग’ चाहता है China: अब भी सैनिक और हथियार बढ़ा रहा; भारतीय जवानों ने सीमा पार खदेड़ा
Last Updated on June 24, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा (India-China Border) पर जारी तनाव के बीच समय बीतने के साथ ही साथ स्थिति और गंभीर होती जा रही है। ताजा अपडेट के अनुसार चीन (China) अपनी चाल बदलने को तैयार नहीं। चीनी सेना जहां बातचीत के बाद पीछे हटने का वादा करती है। तो वहीं दूसरी तरफ उसे सीमा के पास भारी मात्रा में हथियार और सैनिक जुटाते हुए देखा जाता है। इस सब के बीच एक खबर यह भी आई है कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी से लेकर गोगरा तक चीन के सैनिकों को पीछे खदेड़ दिया है। रिपोर्ट्स में सैटेलाइट इमेजेस के जरिए इस बात का दावा किया किया गया है कि भारतीय रणबांकुरे कई स्थानों पर चीनी सेना को उसकी हद में धकेलने में कामयाब रहे हैं।
देपसांग में नया मोर्चा खोलने की तैयारी में है चीन
वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो फिंगर एरिया सहित पूरे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन सेना और हथियार बढ़ा रहा है। भारत ने भी इन जगहों पर अपनी ताकत बढ़ा दी है। बुधवार को एक बार फिर आसमान में भारतीय लड़ाकू विमान गरजते रहे तो जमीन पर जांबाज सैनिक दुश्मन की हर चुनौती का जवाब देने को तैयार हैं। वहीं पूर्वी लद्दाख के कुछ नए हिस्सों में चीन की ओर से लामबंदी किए जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और डेपसांग सेक्टरों में नया मोर्चा खोल सकती है। यहां चीनी जवान और उनके कुछ ढांचे दिख रहे हैं यानी उनकी ओर से कुछ निर्माण कार्य किया गया है। इलाके में LAC की ओर जाने वाले चट्टानी रास्ते पर शेल्टर बनाए गए दिख रहे हैं। यहां अर्थ मूविंग व्हीकल, जेसीबी मशीनें और चीनी सेना की ओर से बनाए गए प्री-फैब्रिकेटेड शेड्स देखे जा सकते हैं।
भारत की दो टूक- LAC का सम्मान करे चीन
इस सब के बीच आज पहली बार दोनों देशों के बीच विदेश मंत्रालय के स्तर पर चर्चा हुई है। इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि बातचीत के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि भारत-चीन दोनों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line Of Actual Control) का कड़ाई से सम्मान और निगरानी करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से, पूर्वी लद्दाख में स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। भारत ने चीन को पूर्वी लद्दाख में हुए घटनाक्रमों पर विस्तार से जानकारी दी। मंत्रालय ने 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बारे में भी चीनी समकक्ष को साफ शब्दों में बता दिया। मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि 6 जून को कमांडर स्तर की बैठक में जो बातें तय हुईं थीं, दोनों ही पक्षों को वो बातें माननी चाहिए। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए 6 जून को हुई बैठक में तमाम पहलुओं पर सहमति बनी थी। दोनों देशों को ईमानदारी से इसका पालन करना चाहिए।