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China ने खोजा कोरोना का तोड़, बंदरों पर परीक्षण में मिली सफलता, अब बनाएंगे Vaccine
Last Updated on March 17, 2020 by
कोरोना वायरस को पूरा दुनिया में फैलाने वाला चीन इस बीमारी का तोड़ खोजने में जुटा हुआ है। चीन (China) के वुहान से पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस की वजह से 170,740 लोग संक्रमित हुए हैं. जबकि करीब 6 हजार लोगों की मौत हुई है। खबर है कि चीन के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में कुछ बंदरों को कोरोना वायरस संक्रमित किया था। अब इन बंदरों के शरीर ने इस वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी हासिल कर ली है। बंदरों द्वारा कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित करने का मतलब ये है कि इंसान भी अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करके इस बीमारी से लड़ सकता है। यानी अब इन बंदरों के शरीर से एंटीबॉडीज लेकर नए वैक्सीन (Vaccine) बनाए जा सकते हैं।
एंटीबॉडीज (Antibodies) हमारे शरीर में रहने वाले वो सिपाही हैं जो बाहर से होने वाले बैक्टीरिया और वायरस के हमले से बचाते हैं, बीमारियों से लड़ते हैं और हमें किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाते हैं। चीन के वैज्ञानिक अब बंदरों से लिए गए एंटीबॉडीज का इंसानों पर परीक्षण एक महीने में शुरू करेंगे। इतना ही नहीं, जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, उनके एंटीबॉडीज को लेकर भी चीन वैक्सीन बनाने की तैयारी में है।
चीन में अब तक 75 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से मुक्त हो चुके हैं। इनके शरीर से एंटीबॉडीज लेकर वैक्सीन विकसित किया जाएगा साथ ही उसे बंदरों के एंटीबॉडीज से मिलाकर देखा जाएगा कि कितनी समानता है। लोगों को यह भी डर है कि अगर उन्हें दोबारा कोरोना वायरस हो गया तो। बता दें कि दोबारा कोरोना वायरस का संक्रमण सिर्फ 0.1 से 1 फीसदी लोगों को ही हो रहा है इसलिए वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि एक बार वैक्सीन विकसित होने के बाद किसी को दोबोरा कोरोना का संक्रमण होता है तो भी उसे आसानी से ठीक कर लिया जाएगा।