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केदारनाथ पहुंचा चिनूक हेलीकॉप्टर: 2018 में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयरफोर्स के mi-17 हेलीकॉप्टर का मलबा उठाया
Last Updated on October 17, 2020 by Sintu Kumar
देहरादून। भारतीय वायु सेना का मालवाहक हेलीकॉप्टर चिनूक (Chinook helicopter) शनिवार सुबह केदारनाथ (Kedarnath) में बने हेलीपैड पर पहुंचा। यहां हुई लैंडिंग के बाद साल दो हजार अट्ठारह में दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायुसेना के mi-17 हेलीकॉप्टर का मलबा अपने साथ ले गया। दुर्घटनाग्रस्त हुए mi-17 हेलीकॉप्टर (Mi-17 helicopter) के मलबे को दिल्ली ले जाया जा रहा है। बता दें कि यह हेलीकॉप्टर साल दो हजार अट्ठारह में क्रैश हो गया था। जिस वक्त यह घटना हुई थी उस वक्त यह हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से सामान लेकर केदारनाथ आ रहा था। घटना के वक्त हेलीकॉप्टर में कुल 6 लोग सवार थे हालांकि सभी लोग सुरक्षित बच गए थे। इस दुर्घटना के बाद हेलीकॉप्टर का इंजन को पहले ही वायु सेना ले जा चुकी है।
इसी महीने शुरू होगा केदारनाथ पुनर्निर्माण का दूसरा चरण
वहीं बीते दिनों जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने केदारनाथ में हेलीपैड तैयार कर लिया था। जिसकी मदद से वहां पुनर्निर्माण कार्यो में तेजी लाने के लिए भारी भरकम मशीन है पहुंचाई जानी है। बता दें भारतीय वायु सेना के मालवाहक हेलीकॉप्टर चिनूक के जरिए ही केदारनाथ पुनर्निर्माण के लिए भारी मशीनों को भी धाम में पहुंचाया जाएगा। हेलीकॉप्टर के जरिए केदारनाथ पुनर्निर्माण के दूसरे चरण के कार्यों के लिए पोकलैंड जेसीबी डंपर व अन्य भारी भरकम मशीनों को केदारनाथ पहुंचाया जाएगा। गौरतलब है कि केदारनाथ में दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य अक्टूबर से प्रस्तावित है इसके लिए टेंडर भी जारी किया जा चुका है। कुछ दिनों पहले मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ में व्यवस्थाओं का जायजा लिया था और डीडीएमए को 10 दिन के भीतर हेलीपैड तैयार करने के निर्देश भी दिए थे।
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जिसे डीडीएमए द्वारा समय पर तैयार कर लिया गया। नहीं आज शनिवार को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर चिनूक ने केदारनाथ में सुरक्षित लैंडिंग की। बता दें कि इससे पहले वायु सेना का हेलीकॉप्टर हिमाचल प्रदेश मैं बन रहे सबसे लंबी टनल का हवाई सर्वे करने पहुंचा था। इस टनल का निर्माण 16000 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रे के नीचे से 12000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी टनल जो कि 13.5 किलोमीटर लंबी होगी का निर्माण किया जाना तय हुआ है।