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सीटू और DYFI ने सरकार से उठाई मांग, मजदूरों की छंटनी और वेतन कटौती नहीं चलेगी
शिमला/हमीरपुर। सीटू और डीवाईएफआई (DYFI) ने अपने मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए एक नायाब तरीका निकाला। सीटू ने कार्यस्थलों तो डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं ने अपने घरों में हाथों में तख्तियां लेकर मांगों को माने जाने की मांग की। सीटू की मांग है कि मजदूरों, पत्रकारों, कर्मचारियों की छंटनी व वेतन में कटौती नहीं चलेगी। प्रवासी मजदूरों के प्रति सरकारी उदासीनता को स्वीकार नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मियों व अन्य मजदूरों के लिए पीपीई (PPE) किट का प्रबंध किया जाए। सभी मजदूरों के लिए 7500 रुपए प्रतिमाह की मदद दी जाए। जरूरतमंदों व प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन व बुनियादी चीजों का प्रबंध के साथ कल्याण बोर्ड से जुड़े मजदूरों को 2 हजार रुपए प्रतिमाह की राशि तुरंत जारी की जाए। उद्योगों में कार्यरत ठेका मजदूरों के वेतन में कटौती ना की जाए। केंद्र सरकार द्वारा कार्य दिवस को 8 से 12 घंटे करने की नीति का भी विरोध किया है। साथ ही यह भी मांग उठाई है कि रेहड़ी-फड़ी और तहबाजारी को 7500 रुपए की सहायता राशि जारी की जाए। मिड डे मील को हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद फरवरी-मार्च के दो महीने का आधा वेतन दिया गया है, ऐसा नहीं चलेगा। उद्योगों में मजदूरों को समय से वेतन व भोजन, खैर कटाई वाले हजारों प्रवासी मजदूरों को रहने-खाने का उचित प्रबंध करने की भी मांग उठाई है।
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मनरेगा व निर्माण कार्य को सुचारू रूप से चलाने के साथ बजट में की गई वेतन बढ़ोतरी अनुसार मजदूरों को वेतन का भुगतान करने को भी आवाज बुलंद की है।
भारत की जनवादी नौजवान सभा के राष्ट्रीय आह्वान पर हमीरपुर सहित आज पूरे हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर नौजवानों ने अपनी मांगों को पोस्टर के माध्यम से लिखकर अपने अपने घर की छतों पर या घर के बाहर खड़े होकर प्रदर्शन किया। हाथों में भाषण नहीं राशन दो लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। हिमाचल प्रदेश में सभी छोटे-बड़े दुकानदारों और किरायेदारों का किराया माफ करने की मांग की गई। जिन भी लोगों ने बैंकों से ऋण ले रखा है, लॉकडाउन अवधि में उन सभी की ईएमआई (EMI) पर रोक लगाए जाने की भी मांग की। बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचालियों को भी वापल लाने की मांग उठाई गई है। यह जानकारी राज्य अध्यक्ष अनिल मनकोटिया ने दी।