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IGMC की हायर एंड फायर नीति के खिलाफ सीटू का हल्ला बोल तेज होगा
शिमला। आईजीएमसी की हायर एंड फायर नीति (Hire And Fire Policy) के विरोध में सीटू अपना आंदोलन और तेज करेगी। यह फैसला IGMC कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन (Workers Union) की सीटू कार्यालय में मंगलवार को हुई बैठक में लिया गया। सीटू ने मांग की है कि IGMC से निकाले गए 24 सिक्योरिटी गार्ड और कोविड कमियों के साथ न्याय नहीं हुआ तो आंदोलन तेज होगा।
सीटू (CITU) प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, रमाकांत मिश्रा और बालक राम ने कहा कि IGMC में अंग्रेजों के जमाने की हायर एंड फायर नीति जारी है। कानून का गला घोंटकर 31 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर (Lay Off) कर दिया गया था, जिनमें से 24 सुरक्षा कर्मियों को अभी भी काम पर वापस नहीं लिया गया है। यह औद्योगिक विवाद अधिनियम (Industrial Dispute Act) 1947 की धारा 33 का भी उल्लंघन है, जो कि यूनियन के नेतृत्वकारी मजदूरों को सुरक्षित कर्मचारी घोषित करती है। उन्होंने कहा कि यह गैर कानूनी है। इसे तुरन्त वापस लिया जाना चाहिए। अगर ऐसा न किया गया तो IGMC में हड़ताल (Strike) होगी।
IGMC प्रबंधन पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप
यूनियन का आरोप है कि IGMC में सुरक्षा कर्मियों व कोविड कर्मियों की मानसिक प्रताड़ना (Mental Harassment) दी जा रही है। ठेकेदार बदलने पर उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। IGMC प्रबन्धन नए ठेकेदार के साथ मिलकर श्रम क़ानूनों की खुली अवहेलना कर रहा है। नई आउटसोर्स कम्पनी सुरक्षा कर्मियों से जो शपथ पत्र ले रही है, उसमें अनुचित श्रम व्यवहार किया जा रहा है।