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शिमला/कुल्लू। हाथरस मामले (Hathras Case) में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश भर में सीटू सड़कों पर उतर आई है। सीटू, अखिल भारतीय किसान सभा व अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के संयुक्त राष्ट्रीय आह्वान पर हिमाचल प्रदेश के जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन (Protest) किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज राजधानी शिमला और कुल्लू में सीटू ने डीसी कार्यालय के बाद जोरदार प्रदर्शन किए। राजधानी शिमला (Shimla) में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व उपाध्यक्ष जगत राम ने कहा कि देश में दलितोंए महिलाओं व पिछड़ों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। हाथरस की घटना इसका ज्वलन्त उदाहरण है जहां पर न केवल दलित युवती का बलात्कार (Rape) किया गया अपितु उसकी रीढ़ व गले की हड्डी तोड़ दी गई।
युवती की मृत्यु होने पर रात को ढाई बजे उसकी लाश को परिजनों की अनुपस्थिति में आनन-फानन में मिट्टी का तेल डालकर जला दिया गया। मीडिया तक को कई दिनों तक युवती के परिजनों से नहीं मिलने दिया गया। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पीड़ित के परिजनों का नार्को टेस्ट करवाने की बात से सरकार की संवेदनहीनता साफ नजर आती है। इस से स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार व प्रशासन दोषियों को बचाने में लगे हुए थे। इसी तरह से सीटू जिला कमेटी कुल्लू ने मंगलवार को डीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रर्दशन किया। इस दौरान सीटू के जिलाध्यक्ष ने कहा कि सीटू मांग ने मांग की है कि इस दुष्कर्म व हत्याकांड की सुप्रीम कोर्ट के जज से न्यायिक जांच (judicial investigation) की जाए और वहां के डीएम व डीजीपी को भी बर्खास्त किया जाए। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सीटू के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपसिंह भंडारी ने कहा कि सीटू भारत सरकार से दोषियों को कड़ी सजा व यूपी के सीएम से इस्तीफा देने की मांग करती है। सीटू ने यूपी की योगी सरकार पर भी जमकर हमला बोला।
सीटू (CITU) के राज्य महासचिव गौतम ने कहा कि यूपी के अंदर महिलाओं के उत्पीड़न व बलात्कार जैसी घटनाएं आम बात हो गई हैं। हाथरस की घटना से योगी सरकार का चेहरा जनता के बीच में पूरी तरह से बेनकाव हो चुका है। उन्होंने कहा कि उतर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की की बलात्कार के बाद हत्या की जाती हैए लेकिन योगी सरकार की शह पर पुलिस एक हप्ते तक एफआईआर तक दर्ज नहीं करती है। उन्होंने कहा कि जिस दिन से बीजेपी की सरकार योगी के नेतृत्व में चल रही है तब से प्रदेश में दलितों, महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़े हैं। इसके साथ ही देश के पीएम भी इस तरह के घिनौने कांड पर एक शब्द भी नहीं कह रहे हैं।
नाहन। सीटू जिला सिरमौर कमेटी ने महामहिम राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेज हाथरस में 19 वर्षीय युवती के साथ हुए अमानवीय दुष्कृत्य के मामले में जहां यूपी की योगी सरकार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग कीए वहीं, इस मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के जज से करवाने की गुहार भी लगाई है। सीटू जिला कमेटी का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को डीसी सिरमौर से मिलने पहुंचा था। डीसी के माध्यम से सीटू जिला कमेटी ने हाथरस घटना को लेकर महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। सीटू जिला कमेटी के कोषाध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि इस मामले की जांच कर रही एसआईटी या सीबीआई की जांच पर अब भरोसा नहीं रहा हैए क्योंकि पिछले कुछ मामलों में देखा गया है कि संबंधित जांच एजेंसियों की विश्वसीयता विश्वास के दायरे में नहीं है। लिहाजा हाथरस घटना की जांच सर्वोच्च न्यायालय के किसी जज से करवाई जाए।
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