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Sukh Ashraya Yojana : अनाथ बच्चों को सीएम का सहारा, 14 बच्चों को नामी संस्थानों में दिलाया दाखिला
Chief Minister Sukh Ashraya Yojana : शिमला। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) अनाथ व बेसहारा बच्चों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के जरिए ही अनाथ बच्चे विश्व स्तरीय शिक्षा हासिल कर पा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को सीएम ने 14 बेसहारा बच्चों को जाने माने संस्थानों में एडमिशन दिलाई है।
पढ़ाई का पूरा खर्च वहन करेगी सरकार
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिशु सुधार गृह (Nursery Home) की तीन अनाथ लड़कियों को कॉन्वेंट तारा हॉल स्कूल, शिमला में दाखिला मिल गया है और उनके लिए परिवहन सुविधा शीघ्र उपलब्ध करवा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, शिशु सुधार गृह के पांच बच्चों को दयानंद पब्लिक स्कूल, शिमला जबकि चार अनाथ बच्चों को पाइनग्रोव स्कूल, सोलन और दो बच्चों को डीएवी स्कूल, सुंदरनगर, जिला मंडी में दाखिला दिलाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च वहन कर रही है। सीएम ने संबंधित विभाग को राज्य के अन्य प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में और अधिक अनाथ बच्चों को दाखिला दिलाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए गए हैं।
अनाथ बच्चों के लिए सीएम की स्कीमें
बता दें, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना (Chief Minister Sukhashray Yojana) के तहत बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले 1084 बच्चों को 1.02 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता से लाभान्वित किया गया है और 2719 लाभार्थियों को 4000 रुपए की प्रतिमाह पॉकेट मनी के रूप में 4.34 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। ये बच्चे हर्षाेल्लास के साथ त्यौहार मनाएं, इसके लिए 1084 बच्चों को त्योहार भत्ते के रूप में 59.81 लाख रुपए, वस्त्र भत्ते के रूप में 54.20 लाख रुपए और पोषण आहार राशि के रूप में 32.52 लाख रुपए वितरित किए गए हैं। सीएम ने कहा कि, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1061 अनाथ बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के रूप में 1.99 करोड़ रुपए, 3121 लाभार्थियों को 4000 रुपए प्रति माह पॉकेट मनी के रूप में 16.89 करोड़ रुपए और त्योहार भत्ते के रूप में 1025 अनाथ बच्चों को 65.76 लाख रुपए की राशि शीघ्र ही वितरित की जाएगी, जिसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।
वंचितों के उत्थान को सर्वोच्च प्राथमिकता
इस योजना के तहत 48 लाभार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए 15.52 लाख रुपए की वित्तीय सहायता, 17 बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए 7.02 लाख रुपए, एक बच्चे को कुशल विकास के लिए 17500 रुपए, तीन बच्चों को स्टार्ट-अप परियोजनाओं के लिए 6 लाख और दो अनाथ बच्चों को वर्ष 2023-24 के लिए भूमि आवंटित की गई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 68 लाभार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए 28.30 लाख रुपए, व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए 48 बच्चों को 26.95 लाख रुपए, दो अनाथ बच्चों को कौशल विकास के लिए 3.13 लाख रुपए और चार लाभार्थियों को स्टार्ट-अप परियोजनाओं के लिए 7.45 लाख रुपए दिए गए हैं। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार वंचितों के उत्थान को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने अनाथ बच्चों को सहारा प्रदान करने के लिए विशेष रूप से कानून बनाया है। प्रदेश सरकार इन बच्चों को ‘चिल्ड्रन आफ द स्टेट’ के रूप में अपनाकर उनकी बेहतर देखभाल सुनिश्चित कर उन्हें सम्मानजनक जीवन दे रही है।