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आउटसोर्स कर्मियों के लिए बुरी खबर,नहीं बनेगी कोई नीति,न मिलेगा आरक्षण
Update: Saturday, September 1, 2018 @ 9:44 AM
शिमला। विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल में आउटसोर्स कर्मियों के शोषण का मामला गूंजा, जवाब में सीएम जयराम ने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने का कोई विचार नहीं है। प्रश्नकाल के दौरान ठियोग के विधायक कॉमरेड राकेश सिंहए शिलाई के कांग्रेसी विधायक हर्षवर्धन चौहान व नाचन के बीजेपी विधायक विनोद कुमार ने संयुक्त सवाल में पूछा कि सचिवालय सहित विभिन्न विभागों में 15 फरवरी 2018 तक कितने कर्मचारी आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त किए गए। इन कर्मियों के वेतन निर्धारण का फार्मूला क्या है। साथ ही सरकार क्या इन कर्मियों के लिए ठोस नीति बनाएगी। इन सदस्यों ने सवाल उठाए की आउटसोर्स कर्मियों का शोषण हो रहा है तथा भविष्य में आउटसोर्स में क्या आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।
सदन में गूंजा प्रश्नकाल के दौरान आउटसोर्स कर्मियों के शोषण का मामला
जवाब में सीएम जय राम ठाकुर ने बताया कि 15 फरवरी 18 तक ठेकेदार के माध्यम से आउटसोर्स के आधार पर लगभग 8731 कर्मी कार्यरत थे। जिनमें से सरकारी विभागों में 5048 कर्मी नियुक्त किए है जबकि बोर्डो में 2893 व निगमों में 790 कर्मी आउटसोर्स आधार पर नियुक्त किए गए है। उन्होंने बताया कि आउटसोर्स कर्मियों के वेतन का कोई मानक फार्मूला निर्धारित नहीं है।
गत तीन वर्षों में आउटसोर्स कर्मियों के लिए दो सौ पच्चीस करोड़ अठासी लाख छब्बीस हज़ार चार सौ पंचानवे रुपये धनराशि ठेकेदार को दी गई। सरकार ने ठेकेदार के साथ कुछ मानक तय किए है उसी के तहत ये कर्मी रखे गए है। यदि आउटसोर्स कर्मियों का शोषण होता है सरकार ऐसे ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्ररवाई करेगी। बाकि आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने का कोई विचार नहीं है। तथा आरक्षण का भी प्रावधान नहीं है और न ही गुंजाइश है।
निज़ी संस्थान को ट्रांसफर नहीं की विवेकानंद मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट ने जमीन
ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने विवेकानंद मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट को लीज़ पर दी गई भूमि का मामला प्रश्नकाल में उठाया। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा सरकार से प्राप्त भूमि किसी निज़ी संस्थान को ट्रांसफर नहीं की गई है। कायाकल्प द्वारा सभी अंत्योदय परिवारों को व वरिष्ठ नागरिकों को इलाज़ पर 25 फीसदी छूट दी जा रही है। इसके अलावा 1 नवंबर से 28 नवंबर तक हर वर्ष लोगों को 30 फीसदी छूट दी जाती है। साथ ही ट्रस्ट के अधिग्रहण का कोई प्रस्ताव केन्द्र को नहीं भेजा गया है।