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जयराम बोले, महिलाओं के लिए खुलेगा एक और पॉलीटेक्निक
Update: Sunday, December 2, 2018 @ 11:08 AM
शिमला। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने तथा उनकी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए 534 करोड़ रुपये की लागत से हिमाचल प्रदेश कौशल परियोजना कार्यान्वित की जा रही है। उन्होंने कहा कि 25 व्यवसायों में 50 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को एससीवीटी से एनसीवीटी में उन्नयन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि एक और पॉलीटेक्निक महिलाओं के लिए भी स्थापित किया जाएगा। इसके माध्यम से बी वॉक के अंतर्गत 2880 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा छः शहरी जीविका केंद्र तथा सात ग्रामीण जीविका केंद्र राज्य में स्थापित किए जाएंगे। यह जानकारी उन्होंने हिमाचल प्रदेश की बाह्य सहायता परियोजनाओं की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में बाह्य सहायता प्राप्त निर्माणाधीन परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने के लिए अग्रसक्रिय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारियों तथा कार्यान्वयन एजेंसियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि इन विकासात्मक परियोजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता को बनाया रखा जा सके।
74 ब्लैक स्पोट्स हटाए, 25 की मरम्मत की
लोक निर्माण विभाग में क्रियान्वित की जा रही बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि विभाग को यात्रियों के लिए सुविधाजनक आवाजाही सुनिश्चित करने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परियाजनाएं चरण-एक के तहत 435 किलोमीटर सड़कों को चौड़ा करने पर 2298 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मियादी रखरखाव पर 197 करोड़ रुपये, 1484.79 किलोमीटर सड़कों पर 74 ब्लैक स्पोट्स को हटाया गया है, जबकि 25 ब्लैक स्पोट्स की मरम्मत की गई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क़ परियोजना चरण-दो के ट्रैंच-एक के तहत राज्य में 127.95 किलोमीटर लंबी पांच सड़कों क्रमशः बरोटीवाला-बद्दी-साई, रामशहर, दधोल-लदरौर, रघुनाथपुरा -मंडी-हरिपुर-भराड़ी तथा नौर-वजीर-बावली पर 750 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
ये परियोजनाएं भी हिमाचल में की जा रहीं लागू
वन विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जीका के सहयोग से 800 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे हिमाचल प्रदेश ईको सिस्टम प्रबंधन तथा जीविका, विश्व बैंक के सहयोग से 700 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत विकास परियोजना तथा पर्यावरण मित्र वर्षा आधारित कृषि परियोजनाएं भी प्रदेश में लागू की जा रही है। बागवानी विभाग में बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं पर हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि 1134 करोड़ रुपये की लागत वाली हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास योजना का उद्देश्य फसल विविधिकरण तथा छोटे किसानों तथा कृषि उद्यमियों को सहायता प्रदान करना है, जिससे उनका उत्पादन, गुणवत्ता तथा बाजार तक पहुंच बढ़ सके। उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्देश्य जलवायु स्थिति स्थापक तकनीकी को प्रोत्साहित करना है, जिससे फलों के उत्पादन को बढ़ाया जा सके।