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सीएम जयराम के आश्वासन पर भी नहीं माने बागवान, सचिवालय का करेंगे घेराव
शिमला। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने गुरुवार को बागवानों के साथ बैठक की। बैठक में सीएम जयराम ठाकुर ने बागवानों (सेब उत्पादकों) की मांगों को जायज बताते हुए उनके जल्द समाधान के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी (Committee) का गठन करने का निर्णय लिया। लेकिन सीएम जयराम ठाकुर के इस निर्णय से बागवान खुश नहीं हुए। सीएम जयराम के साथ बैठक के बाद किसान और बागवान संघों ने बैठक की और निर्णय लिया कि 5 अगस्त को सचिवालय का प्रस्तावित घेराव टाला नहीं जाएगा। संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक संजय चौहान ने बताया कि सीएम जयराम के साथ बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई, लेकिन इसमें केवल आश्वासन ही मिले हैं। बैठक में बागवानों (Apple Growers) की कोई भी बात नहीं मानी गई है। इसलिए बागवान 5 अगस्त को पूरी ताकत के साथ सचिवालय का घेराव करने शिमला पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के पास एक सप्ताह का समय है जिसमें उनकी मांगों (Demands) पर सरकार को विचार करना चाहिए और उनका समाधान करें। उन्होंने बताया कि इस बीच अगर उनकी मांगे मान ली जाती हैं, तो सचिवालय का घेराव टाल दिया जाएगा। अन्यथा यह घेराव होकर रहेगा।
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इससे पहले जयराम ठाकुर ने सेब सीजन-2022 के दृष्टिगत फल उत्पादक संघ तथा राज्य सरकार के संबंधित विभागों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि व्यापारियों, निजी सीए स्टोर मालिकों तथा अन्य लोगों द्वारा बागवानों (Gardeners) के शोषण को रोकने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में सेब आर्थिकी लगभग 5000 करोड़ रुपये की है और यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का मुख्य घटक है। उन्होंने कहा कि अकसर देखा गया है कि विभिन्न स्तरों पर सेब उत्पादकों का शोषण (Exploitation) होता है, इसलिए यह कमेटी इस मामले को देखेगी। इस कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, प्रधान सचिव राज्य कर एवं आबकारी, सचिव कृषि और बागवानी के अतिरिक्त इस समिति में विभिन्न कृषि संघों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
आज इन मुद्दों पर हुई चर्चा
सीएम जयराम के साथ आज हुई बैठक में बागवानों ने महंगे कार्टन, कीटनाशक, फफूंदनाशक व खाद पर बंद की गई सब्सिडी को बहाल करने के अलावा एपीएमसी के शोघी बैरियर पर अवैध वसूली रोकने के अलावा मंडियों में अव्यवस्था, एपीएमसी एक्ट को लागू करने, कार्टन पर लगाए गए जीएसटी को कम करने, सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी करने, ओलावृष्टि व बर्फबारी से हुए नुकसान का मुआवजा जारी करने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
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