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जयराम ने स्वामी विवेकानंद को किया याद, स्कूलों में शुरू होगा योग व शतरंज विषय
Last Updated on January 12, 2020 by
पालमपुर। विश्व स्तर पर हिंदू धर्म और हिंदू आध्यात्मवाद के पुनरुत्थान का श्रेय स्वामी विवेकानंद को जाता है। उन्होंने समाज, गरीबों और वंचितों के हित के लिए अथक प्रयास किए। यह बात सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने आज कांगड़ा जिला के पालमपुर में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के कायाकल्प हिमालयन अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित स्वामी विवेकानंद जन्मोत्सव समारोह में उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह दिन पूरे देश में हर वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज (Education Minister Suresh Bhardwaj) ने कहा कि विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए प्रदेश सरकार शीघ्र ही स्कूली पाठ्यक्रम में योग और शतरंज को शामिल करने जा रही है।
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सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कहा कि स्वामी विवेकानंद न केवल एक आध्यात्मिक विचारक थे, बल्कि वे एक प्रखर विचारक, महान वक्ता और देशभक्त भी थे। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के स्वतंत्र चिंतन को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि विश्व बन्धुत्व और आत्म-जागृति का उनका संदेश आज के वैश्विक राजनीतिक उथल-पुथल के परिपेक्ष्य में और भी अधिक प्रासंगिक है। सीएम ने इस अवसर पर राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। इस अवसर पर 104 छात्रों को सम्मानित किया गया। उन्होंने सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी दिए जो एबीवीपी (ABVP) द्वारा हाल ही में आयोजित किए गए थे। सीएम ने इस अवसर पर विवेकानन्द ट्रस्ट को 11 लाख रुपये अपनी ऐच्छिक निधि से देने की घोषणा की और कायाकल्प हिमालयन अनुसंधान संस्थान को 8.50 लाख रुपए देने की घोषणा की।
इससे पहले, पालमपुर पहुंचने पर सीएम ने विवेकानंद मेडिकल संस्थान के परिसर में स्वामी जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि समर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व सीएम और विवेकानंद ट्रस्ट के अध्यक्ष शांता कुमार ने सीएम जयराम ठाकुर और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी का संदेश भी पढ़ा। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने विश्व को भारत की एकता के मूल सिद्धान्त से अवगत करवाया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के क्षेत्रीय आयोजन सचिव विक्रान्त खंडेलवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का धार्मिक चिन्तन श्री रामकृष्ण की आध्यात्मिक शिक्षाओं और उनके वैदिक दर्शन के व्यक्तिगत आंतरिककरण का एक मिश्रण था तथा उन्होंने निःस्वार्थ कार्य, पूजा और मानसिक अनुशासन के द्वारा आत्मा की दिव्यता को प्राप्त करने की शिक्षा दी।