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क्या है गुमनाम पत्र का किस्सा सुने CM Jai Ram की जुबानी
शिमला। सीएम जयराम ठाकुर ने कोरोना संकट के दौर में विपक्ष की बयानबाजी का तल्ख जवाब दिया है। शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने एक गुमनाम पत्र का भी जिक्र किया। यह पत्र किसी संस्था के नाम से लिखा गया है और इसमें वेंटिलेटर महंगे दामों पर खरीदने की बात कही है। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पत्र में साढ़े तीन लाख का वेंटिलेटर 10 लाख में खरीदने के बारे लिखा गया है। उन्होंने कहा कि अगर पत्र लिखने वाले में हिम्मत होती तो नाम व पता लिखता। पत्र में सिर्फ एक संस्था का नाम है। जब विजिलेंस, सीआईडी आदि को संस्था के बारे पता करने के लिए कहा तो ऐसी संस्था कहीं नहीं मिली। उन्होंने कहा कि जिस सस्ते वेंटिलेटर की बात पत्र में की गई है वह एक डमी वेंटिलेटर है और कंपनी अपने प्रचार के लिए अढ़ाई लाख सिक्योरिटी लेकर उसे डिस्पले में रखती है। जब वेंटिलेटर वापस किया जाता है तो सिक्योरिटी राशि भी वापस कर दी जाती है। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि जो वेंटिलेटर हिमाचल स्वास्थ्य विभाग ने खरीदा है उसकी किमत अब भी एक पोर्टल पर 10 लाख 30 हजार है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं है। इस गुमनाम पत्र के मामले में एफआईआर दर्ज होगी। साथ ही मानहानि का भी मामला दर्ज होगा। पत्र लिखने वाला व्यक्ति अगर पाताल में भी होगा तो उसे ढूंढ निकाला जाएगा। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को जवाब देते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसे कई पत्र आपके और आपके नेताओं के खिलाफ भी आते हैं, लेकिन बिना नाम और पते के आए पत्र पर कार्रवाई करना हम उचित नहीं समझते हैं। क्योंकि ऐसे पत्र बदले की भावना से लिखे जाते हैं।