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शिमला। हिमाचल सरकार व्यापारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और व्यापारी कल्याण कोष गठित करने की उनकी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा, ताकि आवश्यकता के अनुरूप उन्हें राहत प्रदान की जा सके। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने आज यहां हिमाचल प्रदेश ट्रेडर वेलफेयर बोर्ड (Himachal Pradesh Trader Welfare Board) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि करों के माध्यम से व्यापारी प्रदेश के राजकोष में एक बड़ा योगदान दे रहे हैं। व्यापारियों की सुविधा के लिए सरकार जीएसीटी (GST) की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए प्रयासरत है और इसे व्यापारियों के हित में बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त पुराने नियमों को समाप्त करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। इस मामले पर विचार करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि भार उठाने वाली विभिन्न मशीनों के सत्यापन एवं प्रमाणीकरण के उद्देश्य से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग (Food and Civil Supplies Department) व्यापारियों के लिए नियमित रूप से शिविर लगाएगा। इससे जहां व्यापारियों के समय की बचत होगी, वहीं मशीनों के प्रमाणीकरण में अनावश्यक विलम्ब भी दूर होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान व्यापारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने ना केवल आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित बनाई है, बल्कि कीमतों पर नियंत्रण रखने में भी सहयोग दिया है। सीएम ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी जायज मांगों और सुझावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल के प्रधान सुमेश कुमार ने सीएम से आग्रह किया कि मार्केट शुल्क (Market Fee) विपणन मंडी के अलावा किसी भी प्रवेश द्वार अथवा अन्य स्थान पर नहीं वसूला जाए। उन्होंने कहा कि समूचे प्रदेश को मार्केट यार्ड और सब-मार्केट यार्ड घोषित किया गया है। उन्होंने आग्रह किया कि व्यापारियों को भी प्राथमिकता के आधार पर कोविड का टीका लगाया जाए। कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर, सांसद एवं प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुरेश कश्यप, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह एवं जेसी शर्मा, मंडल के महासचिव राकेश, उपाध्यक्ष महीपाल, सदस्य नगैन चंद, मुकेश गुप्ता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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