- Advertisement -
लोकिंदर बेक्टा/शिमला। प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार देने के मुद्दे पर सीएम वीरभद्र सिंह और पूर्व सीएम प्रेमकुमार धूमल आमने-सामने आ गए हैं। इस मुद्दे पर सीएम वीरभद्र सिंह ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम प्रेम कुमार धू्मल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार न देने के मामले में धूमल सफेद झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौशल विकास भत्ता के तहत अब तक 1.52 लाख युवाओं को लाभ मिल चुका है। सीएम ने यहां अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि सरकार ने चार वर्षों में 45 हजार युवाओं को सरकारी क्षेत्र में और 60 हजार लोगों को उद्योगों में रोजगार प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास भत्ता योजना के तहत युवाओं को कौशल प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस कार्य के लिए अलग से कौशल विकास निगम का भी गठन किया है। इसके तहत 65 हजार युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाएगा।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि कौशल विकास निगम को एडीबी से 640 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा राज्य सरकार कौशल विकास पर हर साल 100 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इस प्रकार युवाओं को तकनीकी रूप से कौशल बनाने के लिए 1140 करोड़ रुपये खर्च कर रहे है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास भत्ता योजना के तहत सरकार ने आयु सीमा 16 से 35 वर्ष रखी है। इसके साथ-साथ शैक्षणिक योग्यता को घटाकर 8वीं पास किया है। कुछ श्रेणियों में तो न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भी समाप्त कर दी है। सीएम ने कहा कि जिस परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपये से कम है, उस परिवार के बेरोजगार युवा को इसका लाभ मिलेगा और दो वर्ष तक यह लाभ मिलेगा। उन्हें हर माह एक हजार रुपये मिलेंगे और शारीरिक रूप से विकलांग युवा को 1500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। इस दौरान युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा और फिर वह रोजगार हासिल करेगा।
उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों के साथ कौशल विकास को लेकर करार कर रहे हैंए उनके लिए यह शर्त भी रखी है कि प्रशिक्षण देने के बाद वे कंपनियां ही रोजगार भी प्रदान करेंगी। इससे पात्र युवाओं को रोजगार मिलेगा। वीरभद्र सिंह ने कहा कि हर युवा को रोजगार प्रदान करना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि केंद्र सरकार भी ऐसा नहीं कर सकती। केंद्र सरकार ने भी कोशल विकास भत्ता योजना के तहत ही रोजगार देने की बात कही है और इसके लिए अलग से मंत्रालय का भी गठन किया है। केंद्र सरकार भी जानती है कि देश के सब युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जा सकता। इसलिए वह कौशल विकास की तरफ बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कौशल विकास को बढ़ावा दे रही है और इसमें अभी तक 1.52 लाख युवाओं को लाभ मिल चुका है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार के जितने अधिक अवसर पैदा हो सकते हैं, उससे अधिक वे प्रयास कर रहे हैं।
प्रदेश में 3.30 लाख नौजवान बेरोजगार: मुकेश अग्निहोत्री
प्रेस कान्फ्रेंस में उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अर्थ एवं सांख्यकि विभाग के एक सर्वे के मुताबिक राज्य में 3.30 लाख युवा वास्तविक रूप से बेरोजगार हैं। ये वे युवा हैं जो कहीं भी काम नहीं कर रहे। उनका कहना था कि रोजगार कार्यालय में सरकारी सेवा में काम करने वाले कर्मचारी का भी नाम दर्ज रहता है। वह भी अच्छी नौकरी की चाह में अपना नाम दर्ज करवाता है। इसी तरह निजी क्षेत्र में रोजगार पर लगे युवा भी रोजगार कार्यालय में अपना नाम दर्ज करवा के रखते हैं। इस कारण वहां आंकड़ा ज्यादा रहता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे नाम नहीं काट सकती जो कहीं न कहीं रोजगार पर लगे हैं। क्योंकि केंद्रीय कानून के मुताबिक वे ऐसा नहीं कर सकते।
- Advertisement -