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शिमला लौटे सीएम सुक्खू ने बीजेपी पर साधा निशाना: कहा- चपड़ासियों के सहारे खोले संस्थान
शिमला। दिल्ली से 12 दिन बाद शिमला लौटे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने बीजेपी और जयराम सरकार पर जमकर हमला बोला है। सीएम सुक्खू ने कहा कि बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल में बिना बजट के संस्थान खोल दिए। नए खोले संस्थानों में ना तो बजट का प्रावधान किया और ना ही स्टाफ का प्रबंध किया। प्रदेश में नए खोले गए कई पीएचसी (PHC) और सीएचसी (PHC) चपरासी के सहारे चलाने का प्रयास किया गया। जयराम सरकार ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए ही आनन फानन में यह संस्थान खोल दिए। वहीं आज बीजेपी द्वारा राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन और जयराम ठाकुर द्वारा कोर्ट जाने की धमकी देने की बात पर सीएम सुक्खू ने कहा कि हम चाहते हैं कि बीजेपी कोर्ट में जाए, ताकि हम कोर्ट को बता सकें कि पिछले 5 साल में सभी भर्तियां कोर्ट में फंसी रहीं। स्टाफ नहीं होने के बाद भी सरकार ने गैर जरूरी दफ्तर खोल दिए।
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बता दें कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू 12 दिन बाद शिमला (Shimla) लौटे है। उन्होंने पिछले रोज ही अपना सात दिन का क्वारंटीन टाइम पूरा किया है। जिसके बाद सीएम सुक्खू आज शिमला लौटे। शिमला पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले सचिवालय में एक बैठक की। इस बैठक में मुख्य सचिव आरडी धीमान समेत अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। सीएम सक्खू ने बैठक में सीमेंट विवाद से लेकर बीजेपी द्वारा राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन बारे जानकारी ली। वहीं उन्होंने बैठक में आगामी दिनों में प्रस्तावित शीत सत्र और मंत्रिमंडल विस्तार समेत कई अन्य विषयों पर भी वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की।
6 माह में मतदाताओं को गुमराह करने को खोले संस्थान
सीएम ने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम लगभग छः माह के दौरान मतदाताओं को गुमराह करने के लिए स्वास्थ्यए शिक्षाए राजस्व और अन्य संस्थान खोलने के निर्णय जल्दबाजी में लिए। उन्होंने कहा कि इन सभी 590 संस्थानों को क्रियाशील बनाने के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि राज्य 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक के भारी वित्तीय कर्ज तले दबा हुआ है और डबल इंजन की सरकार होने का दावा करने वाली बीजेपी सरकार को अपने कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार से एक पैसे की भी सहायता नहीं मिली।
30 संस्थानों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक नहीं किए नियुक्त
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार ने 30 से अधिक ऐसे स्वास्थ्य संस्थान खोले जिनमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की भी नियुक्ति नहीं की गई थी और बड़ी संख्या में ऐसे संस्थान भी खोले गए जो मात्र एक कर्मचारी द्वारा संचालित किए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि पूर्व बीजेपी सरकार द्वारा जो एसडीएम कार्यालय खोले गएए उनमें एसडीएम ही तैनात नहीं किए गए। अधिकांश संस्थानों में आस.पास के अन्य संस्थानों के कर्मचारियों को अस्थायी रूप से तैनात किया गया। जिससे ना तो नए कार्यालय में कार्य हुआ और पहले से मौजूद संस्थानों का कार्य भी प्रभावित हुआ।
समीक्षा के बाद दोबारा खोले जाएंगे संस्थान
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे सभी संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा खोले गए इन सभी संस्थानों की पुनः समीक्षा की जाएगी और यदि व्यवहार्य और आवश्यक पाया गया तो उचित बजट प्रावधान करके उन्हें फिर से खोला जाएगा।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार व्यवस्था परिवर्तन के लिए है न कि सत्ता.सुख के लिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य के लोगों की मांग एवं व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए यह संस्थान खोले जाएं।
बीजेपी के कार्यकाल से चला आ रहा घोटाला
उन्होंने कहा कि जेओए ;आईटीद्ध पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी से प्रतीत होता है कि प्रदेश में परीक्षा घोटाला पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल से चला आ रहा है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि जब भी ऐसी परीक्षाएं हों तो सतर्क रहें ताकि परीक्षा प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
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