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अब सीएम सुक्खू के पाले में सीमेंट प्लांट विवाद की गेंद, अलग-अलग करेंगे बैठकें
शिमला। हिमाचल में पिछले 39 दिन से चला आ रहा सीमेंट प्लांट विवाद (Cement Plant Dispute) मामले को सुलझाने का जिम्मा अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के पाले में आ गिरा है। सीएम सुक्खू (CM Sukhu) अब अदानी समूह और ट्रक ऑपरेटरों से अलग अलग बैठकें करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि इन बैठकों के बाद एक माह से भी ज्यादा समय से चला आ रहा यह विवाद सुलझ सकता है। वहीं, इस मामले में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान (Industries Minister Harsh Vardhan Chauhan) ने कहा कि इस मसले पर वे कल यानी रविवार को पूरी डिटेल में बात मीडिया के समक्ष रखेंगे। उससे पहले सीमेंट प्लांट कंपनियों और ट्रांस्पोटर्स की बैठक सीएम के साथ होनी है। उन्होंने साफ कहा कि यह विवाद दो प्राइवेट कंपनियों के बीच का है, जिसमें सरकार कुछ नहीं कर सकती है। सिर्फ बीच का रास्ता अपना सकती है। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह विवाद सत्ता परिवर्तन के बाद नहीं हुआ। यह पहले से ही विवादों में था। एक सीमेंट प्लांट कंपनी और दूसरा ट्रांस्पोर्टर। उद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार भी चाहती है कि मामला सुलझ जाए।
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अदानी समूह ने सरकार के सामने रखीं कुछ शर्तें
बता दें कि अदानी समूह (Adani Group) ने इस मामले को सुलझाने के लिए प्रदेश सरकार के सामने अपनी कुछ शर्तें (Terms) रखी हैं। अदानी समूह के सीमेंट बिजनेस के सीईओ अजय कपूर की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि अंबुजा और एसीसी सीमेंट प्लांट (Ambuja and ACC Cement Plant) में माल ढुलाई के लिए 550 ट्रक की आवश्यकता हैए जबकि वर्तमान में 3,311 ट्रक लगे हैं। कंपनी का तीन साल में 2,761 ट्रकों को हटाने का प्रस्ताव है। वहीं कंपनी ने भविष्य में किसी नए ट्रक को जोड़ने पर तत्काल रोक लगाने की शर्त रखी है। इसके अलावा अन्य राज्यों की भांति परिवहन के संबंध में सभी निर्णय कंपनी की ओर से तय करने की बात कही। अंबुजा, एसीसी इकाइयों और समूह की अन्य कंपनियों के बीच बैग की अदला-बदली की अनुमति देने का अधिकार भी कंपनी के पास हो। पत्र में लिखा है कि जो समस्या पैदा हुई है, वह ट्रांसपोर्टर यूनियनों के परिवहन बाजार पर पूरी तरह नियंत्रण करने से हुई है।
ट्रक ऑपरेटर बोले: शर्तें मानना तो दूर सुनेंगे भी नहीं
वहीं अदानी समूह की शर्तों पर ट्रक ऑपरेटरों (Truck Operators) ने दो टूक जवाब दिया है। ट्रक ऑपरेटरों ने कहा कि वे शर्तें मानना तो दूर सुनेंगे भी नहीं। उन्होंने अदानी समूह को चेतावनी दी है कि वह मौजूदा रेट और आधारभूत रेट को बदलने की कोशिश ना करे। उन्होंने कहा कि ट्रक ऑपरेटर नियम, सिद्धांत और संविधान के अनुरूप काम कर रहे हैं। जबकि हिमाचल में अदानी समूह तानाशाही पर उतर आया है, जो कि यहां नहीं चलेगी। यूनियन के नेताओं ने सरकार से मांग की है कि 12 जनवरी को हुई बैठक में दिए आंकड़ों के अनुसार जल्द अधिसूचना जारी की जाए। बिलासपुर ट्रक ऑपरेटर सहकारी सभा बरमाणा (Bilaspur Truck Operator Cooperative Society Barmana) के अध्यक्ष लेखराम वर्मा ने कहा कि ट्रक ऑपरेटर अदानी समूह की शर्तें को सिरे खारिज करते हैं।