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पूर्ण राज्यत्व दिवस पर बोले सीएम सुक्खूः प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगी रोबोटिक सर्जरी
हिमाचल प्रदेश आज 53 वां पूर्ण राज्यत्व दिवस मना रहा है। राज्यस्तरीय कार्यक्रम सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर में आयोजित किया जा रहा है। सीएम ने यहां पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। परेड में हिमाचल प्रदेश पुलिस, महिला पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, होमगार्ड और एनसीसी की टुकड़ियों ने मार्च पास्ट किया। परेड के बाद लगभग एक दर्जन विभागों ने झांकियों के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं की शानदार झलक पेश की। इस दौरान सीएम ने प्रदेश वासियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों, आईजीएमसी टांडा मेडिकल कॉलेज और हमीरपुर कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी सुविधा शुरू की जाएगी ताकि लोगों को यहीं पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। सीएम सुक्खू ने कहा कहा कि प्रदेश में 500 मेगावॉट की शो योजनाएं स्थापित की जाएंगी। नई निवेश नीति बनाई जाएगी युवाओं को रोजगार शुरू करने के लिए बिना ब्याज के ऋण प्रदान किया जाएगा। वह सुख के लिए नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। कर्मचारी चयन आयोग का कामकाज निलंबित किया जा चुका है।
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सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व सरकार को आड़े हातों लेते हुए कहा कि हिमाचल आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है। पिछली बीजेपी सरकार ने बजट का प्रावधान किए बिना ही सैकड़ों संस्थान खोल दिए, जिससे 5000 करोड़ का आर्थिक वित्तीय बोझ बढ़ गया। पूर्व बीजेपी सरकार करोड़ों का कर्ज छोड़कर गई है। कर्मचारियों पेंशनरों डीए और एरियर 4430 करोड़ और 5000 करोड़ का बकाया है।इसले पहले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विशेष बच्चों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान विशेष बच्चों ने बेहतरीन परफार्मेंस दी। जिसपर सीएम ने विशेष बच्चों को सर्टिफिकेट व गिफ्ट्स प्रदान किए।इस दौरान विशेष बच्चों ने भी सीएम को अपने हाथों से बनाए स्पेशल गिफ्ट्स दिए।
सीएम ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा वेतन सुख-आश्रय सहायता कोष के लिए प्रदान किया है और सभी कांग्रेस विधायकों ने भी इस कोष के लिए एक-एक लाख रुपये का योगदान दिया है। राज्य सरकार वृद्धाश्रमों और आश्रय गृहों में रह रहे बच्चों की अभिभावक है। सरकार ने इन संस्थानों में रहने वालों को 10 हजार रुपये का परिधान भत्ता प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अनाथ आश्रमों, निराश्रित महिला आवासों और वृद्धाश्रमों में रहने वाले सभी लोगों को त्योहार भत्ते के रूप में 500 रुपये प्रदान करने का निर्णय लिया गया है ताकि ये लोग भी अन्य लोगों की भांति त्योहार मना सकें।