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CM उद्धव ने बताया पालघर का सच: नहीं है हिंदू-मुस्लिम मामला, चोरी के शक में पीटा था
Last Updated on April 20, 2020 by Deepak
मुंबई। भारत में जारी कोरोना वायरस के कहर के बीच महाराष्ट्र के पालघर (Palghar) से आए मॉब लिंचिंग (Mob lynching) मामले को लेकर पूरे देश में चर्चा छिड़ी हुई है। अब सूबे के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मसले पर सरकार का रुख सभी के सामने रखते हुए सच से पर्दा हटाया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई जरूर करेगी।
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सभी को बताया नहीं है धर्म से जुड़ा मामला
इस मसले पर आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये हिंदू-मुस्लिम जैसा कोई मामला नहीं है, इस बारे में मेरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई है। हर किसी को इस बारे में समझाया गया है कि ये धर्म से जुड़ा मामला नहीं है, लेकिन जो भी सोशल मीडिया के जरिए आग लगाने और मामला भड़काने की कोशिश करेगा उसपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
चोरी के शक में हुई थी तीनों की पिटाई
उन्होंने पूरे मामले के बारे में बताते हुए कहा कि वो लोग जब सूरत जा रहे थे, तब उन्होंने दादर-नगर हवेली के बॉर्डर पर रोका गया और वापस भेज दिया गया। अगर ऐसा नहीं होता, तो घटना नहीं होती। पालघर के जिस इलाके में ये घटना हुई है, वो काफी दुर्गम इलाका है। ऐसे में ये तीन लोग वहां से गुजरते हुए गुजरात की ओर जा रहे थे, लेकिन वहां पर गांव के लोगों को रात के वक्त कुछ गलतफहमी हुई और उन्हें चोरी का शक लगा। तो हमला किया गया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां कुछ दिनों से चोरों के घूमने की अफवाह है, इसी वजह से गांव वालों ने ऐसा हमला किया। लेकिन गलतफहमी के बावजूद किसी को बख्शा नहीं जाएगा, कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लोगों ने पुलिसवालों पर भी हमला किया है, ऐसे में कड़े से कड़ा एक्शन लिया जाएगा।