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शिमला। प्रदेश में तैनात एसएमसी शिक्षकों को आज सीएम वीरभद्र सिंह ने जीवनदान देते हुए ऐलान किया है कि इन शिक्षकों की नौकरी नहीं जाएगी। मंगलवार को पीटरहॉफ में एसएमसी शिक्षकों की राज्य स्तरीय एसोसिएशन के राज्यस्तरीय सम्मेलन में सीएम ने कहा कि जिन स्कूलों में एसएमसी शिक्षक तैनात हैं, वहां पर नियमित शिक्षक नहीं भेजे जाएंगे।
जाहिर है कि प्रदेश के अलग-अलग स्कूलों में एसएमसी शिक्षक तैनात हैं। भर्ती नियम के क्लाज – 9 के अनुसार नियमित शिक्षक आने पर इनको हटाने का भी प्रावधान था। अब सीएम के इस ऐलान से उन्हें राहत मिलेगी। सीएम ने कहा कि इस वर्ग के लिए एक नीति बनाई जाएगी। एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल पितान व महासटिव मनोज रोगटा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमल जोशी इत्यादि ने घोषणा का स्वागत किया है। इस बैठक के दौरान युकां अध्यक्ष विक्रमादित्य भी मौजूद थे। बता दें कि प्रदेश में एसएमसी के तहत सेवाएं दे रहे 1600 टीजीटी व सीएंडवी अध्यापकों की नौकरी पर खतरे के बादल मंडरा गए थे। सरकार ने अभी तक एसएमसी शिक्षकों के अनुबंध अवधि को लेकर कोई फैसला नहीं लिया था। बीते 31 दिसम्बर से इन शिक्षकों की अनुबंध अवधि समाप्त हो गई थी, जिसके बाद अभी तक सरकार ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की थी।
सरकार के इस रवैये से शिक्षक भी परेशान थे, ऐसे में उन्हें डर सता रहा है कि 3 साल की सेवाएं देने के बाद कहीं सरकार शिक्षकों को बाहर का रास्ता न दिखा दे। ये वे शिक्षक हैं जिन्हें सरकार ने वर्ष 2012 से 2015 तक स्कूलों में एसएमसी के तहत नियुक्ति दी थी। इसमें टीजीटी व सीएंडवी शिक्षक शामिल हैं। लेकिन अब सीएम के आश्वासन के बाद इन शिक्षकों को राहत मिली है। सीएम के इस ऐलान के बाद इन शिक्षकों की नौकरी पर मंडरा रहे खतरे के बादल काफी हद तक छंट गए हैं, वहीं नीति बनाने की बात कर सीएम ने इन शिक्षकों को बड़ी राहत प्रदान की है।
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