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शिमला। सीएम वीरभद्र सिंह ने प्रदेश के सभी डीसी को आदेश दिए हैं कि उनके क्षेत्र में जो भी घर बिना शौचालय के बचा है या फिर कहीं पर अधूरा बना है, उसे एक माह के भीतर पूरा करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल को केंद्र सरकार ने बाह्य खुला शौचमुक्त घोषित किया है और इसे घोषित करने से पहले केंद्र की टीम ने यहां सर्वे किया था। फिर भी यदि कहीं कोई घर ऐसा बच गया है, जहां शौचालय नहीं बना, वहां एक माह के भीतर शौचालय बनाए जाएं।
सीएम ने कहा कि उन्होंने जो आदेश दिए हैं,उसकी मॉनिटरिंग संबंधित मंत्री करेंगे और डीसी और बीडीओ फील्ड में इसे अमलीजामा पहनाएंगे और एक माह बाद उन्हें रिपोर्ट देंगे। सीएम ने यह आदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य संजय रतन के मूल और विपक्षी सदस्य डॉ राजीव बिंदल, महेंद्र सिंह के अनुपूरक प्रश्न के उत्तर के दौरान हस्तक्षेप करते हुए दिए। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष प्रेमकुमार धूमल ने कहा कि डीसी और बीडीओ के पास अरबों रुपए पड़ा होने का हवाला देते हुए कहा कि इसका समय पर सदुपयोग किया जाए।
उन्होंने कहा कि कल राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि हिमाचल बाह्य खुला शौचमुक्त हो गया है, लेकिन एक सदस्य ने कुछ फोटो अफसरों को भेजे हैं, जिसमें खुले में शौच का जिक्र है। इसलिए सरकार को चाहिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत बचे हुए पैसे उपयोग कर जल्द से जल्द शौचालय बनाए जाएं, ताकि मान-सम्मान बना रहे। इस पर सीएम ने कहा कि हिमाचल को बाह्य खुला शौचमुक्त होने का दर्जा केंद्र ने दिया है और यह हिमाचल की रिपोर्ट नहीं दिया, बल्कि केंद्र ने खुद इसका सर्वे किया। उन्होंने कहा कि जहां पर कुछ शौचालय बनने रह गए हैं,उन्हें एक माह में बनाने के आदेश सभी डीसी को कर दिए हैं। इससे पहले कांग्रेस सदस्य संजय रतन ने सवाल किया था कि राज्य के विभिन्न विकास खंडों में 30 नवंबर2016 तक कितनी राशि खर्च की गई थी और कितना पैसा बचा हुआ है। उन्होंने पंचायतों में विकास कार्यों के लिए सीमेंट की खरीद को खुले बाजार से करने की मांग की,क्योंकि सरकारी खरीद में देरी होती है और इस कारण कार्य रुक जाता है। इस पर ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि 30 नवंबर 2016 तक विभिन्न शीर्षों के तहत 444 करोड़ 85 लाख 97 हजार रुपए की राशि खर्च की है, जबकि इस अवधि तक 394 करोड़ 72 लाख 85हजार रुपए की राशि खर्च नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सीमेंट की खरीद सिविल सप्लाई निगम से ही होगी और उन्हें कहा जाएगा कि वे समय पर सीमेंट उपलब्ध करवाए।
उधर, बीजेपी सदस्य डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि बीडीओ के पास जो पैसा पड़ा है, वह उसे खर्च नहीं कर रहे। बार-बार कहने के बाद भी बीडीओ पैसा जारी नहीं करते और वे केवल उसमें अड़ंगा डालते हैं। इस बारे में डीसी से भी कहा, लेकिन पैसा जारी नहीं होता। उन्होंने कहा कि कई इलाके ऐसे हैं, जहां अभी तक शौचालय नहीं बने हैं और उन्होंने खुले में शौच करने वाले कुछ फोटो अफसरों को भी भेजे हैं। इस पर ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि प्लानिंग हैड के तहत जो पैसा होता है, उसका इस्तेमाल डीसी ही कर सकता है। जहां तक बीडीओ के पैसे समय पर जारी न करने की बात है, इसे लेकर उन्हें आदेश जारी कर दिए जाएंगे। वहीं, बीजेपी सदस्य महेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस सवाल का जवाब देते हुए कई जानकारी छिपाई है। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को पैसा नहीं मिल रहा है और वे सालों से काम कर रहे हैं। महेंद्र सिंह के सवाल पर ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा ने जानकारी दी कि अब मनरेगा का पैसा ऑनलाइन आ रहा है और सीधे कामगार के खाते में जा रहा है। केंद्र से अब राज्य को केवल सामग्री मद के लिए ही पैसा आता है और राज्य सरकार ने 38 करोड़ रुपए की मांग भेजी है और राज्य को केवल 10 करोड़ रुपए ही मिले हैं।
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