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कोयला घोटाला: वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे दिलीप रे को तीन साल की सज़ा
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (Dilip Ray) को 3 साल की जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही घोटाले से जुड़े अन्य दो दोषियों को भी तीन साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही तीनों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दिलीप रे 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री थे, यह मामला झारखंड के गिरिडीह जिले में 105.153 हेक्टेयर गैर-राष्ट्रीयकृत और खाली पड़े कोयला खनन क्षेत्र के आवंटन से संबंधित है, जो 1999 में कोयला मंत्रालय की 14 वीं स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के पक्ष में आवंटित किया गया था।
एक लाख के मुचलके पर मिली जमानत
मामले में सीबीआई की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री के लिए उम्रकैद की सजा की मांग की गई थी। सजा पर बहस 14 अक्टूबर को पूरी हो गई थी। सीबीआइ विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद राय को सुरक्षित रखते हुए आज कोर्ट में हाजिर होने के लिए निर्देश दिया था। हालांकि, सीबीआई कोर्ट ने दिलीप रे समेत सभी तीनों दोषियों को एक-एक लाख रुपए के बांड पर जमानत दे दी। इसके साथ ही फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील के लिए 25 नवंबर तक की मोहलत दी गई है।
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अदालत ने रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल), इसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी करार दिया था। यह मामला 1999 में झारखंड के गिरिडीह में ‘ब्रह्मडीह कोयला ब्लॉक’ के आवंटन से जुड़ा है।