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मुनाफे के चक्कर में लोगों की सेहत और सेब से खिलवाड़, हिमाचल में Ban होगी कलरफुल स्प्रे
Last Updated on August 10, 2020 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल में मुनाफा कमाने के चक्कर में कुछ बागवान लोगों की सेहत से तो खिलवाड़ कर ही रहे हैं, वहीं सेब के पौधों से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। इसका कारण सेब के पौधों पर कलरफुल स्प्रे करना है। जल्द से जल्द मार्किट में बेहतर दाम हासिल करने के लिए बागवान सेब पर क्लरफुल स्प्रे करते हैं, जोकि सेब खाने वालों के लिए नुकसानदायक है। वहीं, कलरफुल स्प्रे से पौधे की उम्र भी कम होती है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सेब के पौधे (Apple Plant) करीब 8 से 10 साल तक सेब तो देते रहेंगे, मगर उसके बाद इनसे सेब (Apple) लेना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि इनमें धीरे-धीरे दूसरी बीमारियां लगती हैं और फिर अपनी तय उम्र तक सेब का पौधा नहीं चलता। इसी के चलते सरकार ने हिमाचल में कलरफुल स्प्रे (Colorful Spray) पर बैन की योजना बनाई है। अगले साल तक इसे लागू कर दिया जाएगा।
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इस बार सेब सीजन में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें मार्किट (Market) में बेहतर दाम हासिल करने के लिए बागवानों ने तय अवधि से पहले सेब तोड़ दिए। इससे पहले उनमें कलरफुल स्प्रे किया गया था। कुछ लोग सेब को अलग सा रंग देकर मार्किट में बेचते हैं, जोकि सेब खाने वालों की सेहत से खिलवाड़ है। ऐसा रंग वाला सेब लोगों की सेहत को हानि पहुंचा सकता है, जिसे खुद सरकार मानती है। आने वाले समय में ना सिर्फ कलरफुल स्प्रे तैयार करने वाली कंपनियों को हिमाचल में प्रतिबंधित किया जाएगा, बल्कि बागवानों (Gardener) को इसके दुष्परिणामों के बारे जागरूक किया जाएगा। कलरफुल स्प्रे से तैयार सेब जल्दी ही खराब हो जाता है। यह ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाता है। स्प्रे से पौधों को नुकसान के साथ जमीन की उर्वरा शक्ति पर भी प्रभाव पड़ता है।
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वहीं, इन दिनों हिमाचल में सेब के पौधों पर स्कैब रोग (Scab Disease) का हमला हुआ है। बागवानी विभाग बैकार पड़े बगीचों में छिड़काव करवा रहा है। विशेषज्ञों की मानें ऐसे बागीचे जिनकी कोई देखरेख नहीं होती है, उनमें इस तरह की बीमारी लगती है। यह बगीचे आसपास के बगीचों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Horticulture Minister Mahendra Singh Thakur) ने कहा कि सेब पर कलरफुल स्प्रे करना लोगों की सेहत से खिलवाड़ है। सरकार इसे रोकने के लिए कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार तो अपने स्तर पर प्रयास करेगी ही लेकिन बागवानों को भी खुद जागरूक होना पड़ेगा। किसानों को समझना होगा कि स्प्रे औरों के लिए ही नहीं उनके लिए भी नुकसानदेय है। सरकार कलरफुल स्प्रे पर प्रतिबंध लगाएगी।