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शिमला। राजधानी में नगर निगम और प्रशासन द्वारा तहबाजारी कर अपना जीवन यापन करने वालों पर की गई कार्रवाई पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कड़ा ऐतराज जताया है। माकपा ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि जिला कमेटी शिमला के राम बाज़ार, सब्जी मंडी, संजौली, लोअर बाजार तथा शहर के अन्य क्षेत्रों में की गई कार्रवाई गैरकानूनी है। यह कार्रवाई पथ विक्रेता (जीवन सुरक्षा एवं पथ विक्रय विनिमयन) अधिनियम,2014 (Street Vendors (Protection of Livelihood and Regulation of Street Vending) Act, 2014) की खुले रूप से अवहेलना है। मार्क्सवादी ने अधीनियम की अवहेलना करने वालों व गरीबों को उजाड़ने वाली इस गैर कानूनी कार्रवाई के लिए दोषियों के विरुद्ध तुरन्त कार्रवाई करने की मांग उठाई है।
पूर्व नगर निगम के द्वारा शिमला शहर में 2015 में इस अधीनियम के अंतर्गत तहबाजारी को कानूनी रूप देने के लिए कार्रवाई शुरू हुई थी। शहर में तहबाजारी कर रहे लोगों की वीडियोग्राफी व उनकी फिंगर प्रिंट आदि की प्रक्रिया मार्च, 2017 तक पूरी कर दी थी तथा वेंडिंग ज़ोन का निर्धारण कर शहर में लगभग 1000 तहबाजारी के लिए स्थान चिन्हित किए गए थे तथा 200 दुकानों का निर्माण लिफ्ट के समीप बेकरी भवन में तहबाजारी को बसाने के लिए शुरू किया गया था। लेकिन जून, 2017 में बीजेपी शासित नगर निगम के चुने जाने के बाद 2 वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने पर भी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसके उल्ट ऐसे गरीब लोगों पर कार्रवाई की गई और उनका सामान नष्ट कर दिया गया, जोकि इन गरीब परिवारों की आजीविका पर हमला है। सीपीएम मांग करती है कि नगर निगम व प्रशासन तहबाजारी के विरुद्ध की जा रही इस गैर कानूनी कार्रवाई पर तुरन्त रोक लगाई जाए तथा पिछले समय में जिनका भी सामान जब्त किया गया है उसे तुरन्त वापस लौटाया जाए। जिनकी दुकानों को तोड़ा गया है, उनकी दुकानों को नगर निगम तुरंत बनाकर दे तथा उनको मुआवजा दिया जाए।
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