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शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Himachal Pradesh Congress Committee) ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारियों एवं राज्य चुनाव आयोग (Election Commission) को आगह किया है कि बीजेपी (BJP) का पिठू बनने के वजाए पक्षपात छोड़कर भारतीय चुनाव आयोग के नियमानुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें, जो विश्व के सब से बडे़ लोकतंत्र के लिए जरूरी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी ने जिस दिन शिमला (Shimla) में लोकसभा के लिए नामांकन दाखिल किया, डीसी शिमला जो जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं ने राज्य निर्वाचन आयोग का हवाला देकर यह आदेश दिए कि न तो लोअर बाजार से जलूस निकाल सकते हैं और न ही एजी चौक से डीसी कार्यालय तक या मालरोड़ से किसी किस्म के जलूस व नारेबाजी की इजाजत मिल सकती। इतना ही नही नामांकन के समय मीडिया पर भी पूर्ण तय प्रतिबंध लगा दिया, जिसका कांग्रेस पार्टी ने पूरी तरह पालन किया।
कांग्रेस नामांकन के लिए प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों के विपरीत 25 अप्रैल को बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन के समय आचार संहिता की सरेआम धज्जियां उड़ाई गईं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता जलूसों की शक्ल में ढोल नगाड़ों के साथ नारेबाजी करते हुए पुलिस प्रशासन की देख रेख में डीसी कार्यालय में पहुंचे और नामांकन के दौरान कुछ मीडिया के लोगों को भी इजाजत दी गई, जो सरासर पक्षपात है। कुलदीप राठौर ने राज्य निर्वाचन आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बार-बार सार्वजनिक मंचों से असभ्य भाषा का प्रयोग कर रहे हैं और कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल में चुनाव संपन्न होने तक सतपाल सत्ती पर पूर्ण तय प्रचार पर पाबंदी लगाने की मांग की थी, जबकि उनको 48 घंटे का बैन लगाकर खुला छोड़ दिया जो नाकाफी है। कांग्रेस पार्टी सतपाल सत्ती पर पूरे चुनाव के लिए प्रतिबंध की मांग करती है।
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