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धर्मशाला। चुनाव नतीजे आने से एक दिन पहले धर्मशाला (Dharmshala) से कांग्रेस केंडीडेट विजय इंद्र कर्ण ( Congress candidate Vijay Indra Karn) पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) पर बुरी तरह से झपटते दिखे। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बूथ कार्यकर्ताओं को अपने घर बुलाकर महात्मा-चूहे की कहानी सुनाने वाले सुधीर शर्मा पर विजय इंद्र कर्ण ने सीधे-सीधे अटैक करते हुए कहा कि एक मीटिंग सुधीर ने बुलाई और उसमें भी मेरा नाम तक नहीं लिया। जिस वक्त पत्रकारों से विजय इंद्र कर्ण बातचीत कर रहे थे, उनके बगल में सुधीर के बेहद करीबी रहे मेयर देवेंद्र जग्गी साथ ही बैठे हुए थे। यानी सुधीर की सुनाई कहानी का किरदार कहे जाने वाले खुद तो कुछ नहीं बोले पर विजय इंद्र कर्ण के मुंह से आग उगलवाकर चुनावी नतीजों से पहले ही कांग्रेस में एक नई जग छेड़ दी है।
विजय इंद्र कर्ण ने कहा कि सुधीर ने जो मीटिंग की थी,उसमें ना ही तो मुझे बुलाया,ना ही मेरा फोन तक उठाया। उन्होंने कहा यहां तक कि सुधीर शर्मा ने इस मीटिंग में पार्टी के हिमाचल कांग्रेस के चुनाव उप प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली तक को बुलाना उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के दौरान सुधीर की जो भी गतिविधियां रही उसकी शिकायत हिमाचल कांग्रेस और पार्टी हाई कमान एआईसीसी से की गई है। ये सब इसलिए करना पड़ा क्योंकि सुधीर के दबाव के चलते रक्कड़ में मतदान केंद्र के बाहर पार्टी का बूथ तक नहीं लगने दिया गया।
विजय इंद्र कर्ण ने कहा कि बीमारी के बावजूद पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने लोगों से उनके लिए वोट करने की बाकायदा अपील जारी की । इसी तरह पूर्व मंत्री जीएस बाली ने भी वीडियो संदेश व प्रेस वार्ता के जरिए उनके पक्ष में मतदान करने को कहा लेकिन सुधीर शर्मा ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। सुधीर शर्मा बीजेपी (BJP) के संपर्क में थे इस बात की पुष्टि बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती कर चुके हैं, और वे राज्यसभा की सीट मांग रहे थे। सुधीर की मीटिंग में कांग्रेस के पर्यवेक्षक व केवल सिंह पठानिया की मौजूदगी को लेकर पूछे गए सवाल पर विजय इंद्र ने कहा कि वे लोग हमारी तरफ से वहां गए थे। सुधीर शर्मा व नीरज भारती के बीच चल रही तनातनी को उन्होंने दोनों का व्यक्तिगत मामला बताया।
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