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बड़ा खुलासा: PM मोदी के राज में हुआ 12,000 करोड़ का लौह अयस्क निर्यात घोटाला!
नई दिल्ली। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस (Congress) शासन के जाने और मोदी राज का उदय होने में यूपीए सरकार के दौरान हुए घोटालों ने काफी बड़ा और अहम रोल अदा किया था। देश की जनता ने कांग्रेस को ‘भ्रष्टाचारी’ मानकर नए दल को देश के विकास का जिम्मा सौंपा था। लेकिन अब पता चल रहा है कि पीएम मोदी के शासन में भी घोटाले हो रहे हैं। दरअसल केंद्र सरकार (Central Govt) पर 12,000 करोड़ रुपए के लौह अयस्क निर्यात घोटाले का आरोप लगा है। देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से इस बात का आरोप लगाया गया है कि केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पिछले 6 सालों में बार-बार ऐसे उदाहरण दिए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि मोदी सरकार सिर्फ अपने कुछ चुनिंदा अमीर दोस्तों के लिए सत्ता में आई है।
सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने बदल दिए नियम
LIVE: Congress Party Briefing by @Pawankhera at AICC HQ https://t.co/z6JGwl1RB7
— Congress (@INCIndia) October 8, 2020
कांग्रेस की तरफ से बोलते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने कहा कि 2014 से पहले लौह अयस्क (कच्चा लोहे) का निर्यात सिर्फ MMTC द्वारा ही किया जाता था। और MMTC भी सिर्फ वह लौह अयस्क निर्यात कर सकती थी जिसमें 64 प्रतिशत लोहे की संकेन्द्रण इससे ऊपर के स्तर का लोहा बेचने से पहले MMTC को भी सरकार से अनुमति लेनी पड़ती थी, जिबकी MMTC में 89 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की है। लौह अयस्क के निर्यात पर 30 प्रतिशत निर्यात शुल्क भी लगता था। यह इसलिए किया जाता था ताकि उम्दा स्तर का लोहा देश में ही रहे और देश के स्टील प्लांट के उपयोग में आए।
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बक़ौल पवन खेड़ा, ‘2014 में जब मोदी सरकार आई तो यह तमाम नियम कानून-आनन फनन में बदल दिए गए। स्टील मंत्रालय ने सबसे पहले तो 64 प्रतिशत लौह संकेन्द्रण का नियम बदला और Kudremukh Iron Ore Company Limited (KIOCL) को चीन, ताइवान, दक्षिण कोरिया और जापान में लौह अयस्क निर्यात की अनुमति दी। इसके अलावा मंत्रालय ने नीति में एक और परिवर्तन करते हुए यह घोषणा की कि लौह अयस्क पर तो 30 प्रतिशत निर्यात शुल्क जारी रहेंगे लेकिन अगर यह लौह अयस्क छर्रों के रूप में निर्यात किया जाए तो उस पर कोई निर्यात शुल्क लागू नहीं होगा।’
कंपनियों पर बनता है 2 लाख करोड़ का जुर्माना
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे बताया कि निर्यात करने की अनुमति KIOCL को प्राप्त थी, लेकिन 2014 से अब तक कई निजी कंपनियों ने छर्रों के माध्यम से हिन्दूस्तान का लौह अयस्क निर्यात करना शुरू कर दिया। इस पर शुल्क के रूप में हजारों करोड़ रुपए की चोरी हुई। अनुमान यह है कि इन निजी कंपनियों ने 2014 से अब तक लगभग 40 हजार करोड़ रुपए का लौह अयस्क निर्यात किया है। कांग्रेस के आरोप हैं कि केंद्र सरकार की गलत नीति से न केवल बेशकीमती प्राकृतिक संसाधन को लुटाया गया बल्कि 12,000 करोड़ रुपए का निर्यात शुल्क भी चोरी किया गया। Foreign trade (Development and Regulation) Act 1992 के तहत इन कंपनियों पर लौह अयस्क छर्रों के गैर कानूनी निर्यात पर 2 लाख करोड़ रुपए का जुर्माना बनता है।