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जोगिंद्रनगर। नगर परिषद जोगिंद्रनगर के कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने बीजेपी के विरोध में नप कार्यालय के बाहर धरना दिया। कांग्रेस पार्षदों का आरोप है कि बीजेपी समर्थित नप के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की ओर से पिछले छह महीनों से सदन कोई बैठक नहीं बुलाई गई, जिस के कारण शहरवासियों के पेयजल, बिजली व सीवरेज आदि के अनापत्ति प्रमाणपत्र लटके हुए हैं। निर्वाचित पार्षदों अजय धरवाल व ममता कपूर तथा मनोनीत पार्षद रमन बहल, केशव कुमार व जगजीत सिंह इस धरने में शामिल रहे और यह एक दिवसीय सांकेतिक धरना है। अजय धरवाल के अनुसार शहर में विकास कार्य भी ऐसे में ठप होकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि नगर परिषद बनाए जाने के बाद सरकार द्वारा करीब 82 लाख रुपए दिए गए हैं, जबकि गांधी वाटिका के सौंदर्यीकरण हेतु 10 लाख रुपए भी जारी किए गए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया गया कि मौजूदा बीजेपी समर्थित नगर परिषद सरकार द्वारा जारी किए गए धन को व्यय करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। मांग की गई है कि सदन कि बैठक जल्दी बुलाई जाएए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किए जाएं, 82 लाख रुपए से विकास कार्य शीघ्र करवाए जाएं। अजय धरवाल ने कहा कि अगर 22 जुलाई तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो कांग्रेस समर्थित पार्षद 23 जुलाई से सभी वार्डों में जाकर हस्ताक्षर अभियान चलाएगी तथा उपमंडल अधिकारी नागरिक के माध्यम से साएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
जोगिंद्रनगर। कांग्रेस के पार्षद विकास न होने का बेवजह आरोप लगाकर अपनी बौखलाहट छिपाने का प्रयास कर रहे हैं जबकि पिछले डेढ़ वर्ष में ही नगर परिषद के 7 वार्डों में 10-10 लाख रुपए के हिसाब से 70 लाख जारी किए गए हैं, जिससे सभी वार्डों में बिना किसी भेदभाव से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। बीजेपी समर्थित नगर परिषद की अध्यक्ष निर्मला देवी, उपाध्यक्ष संतोष कुमार, पार्षद ओमप्रकाश बक्शी व रमेश भाटिया ने सोमवार को आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित किया व पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस समर्थित नगर पंचायत ने विकास के नाम पर जमकर राजनीति की तथा विकास के नाम पर भी सियासत खेली गई।
उन्होंने कहा कि छह महीनों से अगर सदन की बैठक नहीं हो पाई तो उसके पीछे का कारण नगर परिषद में सचिव या कार्यकारी अधिकारी का पद खाली होना रहा है क्योंकि इस नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी का पद जोगिंद्रनगर के तहसीलदार के पास ही अतिरिक्त तौर पर है और तहसीलदार-कम-सचिव 31 जनवरी को रिटायर हो गए हैं। उसके बाद अब जोगिंद्रनगर में तहसीलदार न होने के कारण लडभड़ोल के तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार तहसीलदार व नगर परिषद सचिव का भी है।
निर्मला देवी ने कहा कि ऐसे में सदन की बैठक नहीं हो पाई। दूसरी ओर, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी रही। फिर से अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद पर आने के बाद सरकार द्वारा अभी तक उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ ही नहीं दिलाई गई है। निर्मला, संतोष कुमारी, ओमप्रकाश बक्शी व रमेश चंद ने कहा कि यह दायित्व प्रदेश सरकार का है कि वह जनहित कार्यों को मद्देनजर रखते हुए अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को शीघ्र शपथ दिलाए जिससे सदन की बैठक आयोजित करके सभी रूके हुए अनापत्ति प्रमाणपत्रों को जारी किया जा सके।
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