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नई दिल्ली। जेएनयू हिंसा पर बवाल बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर जेएनयू (JNU) में हमला करने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है और कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच (Judicial investigation) होनी चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी और अमित शाह ने छात्रों पर दमन चक्र चलाकर नाजी शासन की याद 90 साल बाद दिला दी। जिस तरह से छात्रों, छात्राओं और शिक्षकों पर हमला किया गया और जिस प्रकार पुलिस मूकदर्शक बनी रही, वह दिखाता है कि देश में प्रजातंत्र का शासन नहीं बचा है।’
मोदी जी और अमित शाह जी की आख़िर देश के युवाओं और छात्रों से क्या दुश्मनी है?
कभी फ़ीस वृधि के नाम पर युवाओं की पिटाई, कभी सविंधान पर हमले का विरोध हो तो छात्रों की पिटाई।
आज जवाहर लाल नेहरू में हिंसा का नंगा नाच हो रहा है और वो भी सरकारी संरक्षण में!
हमारा वक्तव्य- pic.twitter.com/igv9ALaI9K
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 5, 2020
उन्होंने कहा कि युवा प्रजातंत्र और संविधान पर हमले के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उनकी आवाज दबाई जाती है। जान लीजिए मोदी, युवाओं की आवाज नहीं दबने वाली है। सरकार प्रायोजित आतंकवाद और गुंडागर्दी नहीं चलने वाली है। सुरजेवाला ने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी और अमित शाह की सरकार के रूप में नाजी शासन आ गया है। इन गुंडों का ताल्लुक बीजेपी और एबीवीपी से था। यह सब कुलपति की मूक सहमति से हो रहा था। यब सब अमित शाह (Amit Shah) के मौन समर्थन से हुआ। उन्होंने कहा, ‘हम मोदी, अमित शाह, भाजपा और एबीवीपी की कड़ी निंदा करते हैं।’ वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस घटना को लेकर गृह मंत्री से जवाब मांगा है। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने घटना की कड़ी निंदा की।
JNU has such an Alumni of eminent persons ranging from Prime Ministers, Ministers in GOI Ministers in State Govts, Nobel Laureate, in Civil Services Activists in Civil Society Members of Parliament cutting accros Party lines and other fields of which we are proud of.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 6, 2020
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जेएनयू विश्वविद्यालय के छात्राओं के होस्टल में रात को घुस कर एबीवीपी के गुंडों द्वारा जो मारपीट की है उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। दिल्ली पुलिस देखती रही। क्या भारत के गृह मंत्री पर जवाबदारी नहीं बनती? गृह मंत्री या तो इन गुंडों पर सख्त कार्रवाई करें या इस्तीफा दें।’ केंद्रीय कपड़ा व महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने अमेठी में कहा कि जेएनयू में हुई घटना दुखद है। मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी संवैधानिक पद पर रहते हुए यदि कोई चीज जांच प्रक्रिया में हो तो उस पर बयान देना उचित नहीं लेकिन फिर भी मैं इतना कहना चाहूंगी कि शैक्षिक संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए।
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