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संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष नियुक्त हुए Congress नेता अधीर रंजन चौधरी
नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) को लोक लेखा संसदीय समिति का अध्यक्ष (Chairperson of the Parliamentary Committee on Public Accounts) नियुक्त किया गया। लोकसभा सचिवालय की प्रेस रिलीज़ के अनुसार, सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल, सत्यपाल सिंह, जयंत सिन्हा व राजीव चंद्रशेखर समेत 20 लोकसभा व राज्यसभा सांसद लोक लेखा समिति के सदस्य चुने गए हैं। प्रेस रिलीज़ के अनुसार, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (Om Birla) ने चौधरी को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। लोक लेखा संसदीय समिति में चुने गए सदस्यों में 14 लोकसभा से नियुक्त किए गए हैं। वहीं राज्य सभा से पांच सदस्यों को नियुक्त किया गया है। समिति का कार्यकाल एक मई 2020 से शुरू हो चुका है जो 30 अप्रैल 2021 तक रहेगा।
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कमेटी में कौन-कौन सदस्य?
लोकसभा सांसद
1. टीआर बालू (द्रमुक)
2. सुभाष चंद्र बहेरिया (बीजेपी)
3. अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस)
4. सुधीर गुप्ता (बीजेपी)
5. दर्शना विक्रम जरदोश (बीजेपी)
6. भर्तृहरि मेहताब (बीजद)
7. अजय मिश्रा (बीजेपी)
8. जगदंबिका पाल (बीजेपी)
9. विष्णु दयाल राम (बीजेपी)
10. राहुल रमेश शेवले (शिवसेना)
11. राजीव रंजन सिंह (जदयू)
12. सत्यपाल सिंह (बीजेपी)
13. जयंत सिन्हा (बीजेपी)
14. बालशौरी वल्लभनेनी (वाईएसआर कांग्रेस)
15. रामकृपाल यादव (बीजेपी)
राज्यसभा सांसद
16. राजीव चंद्रशेखर (बीजेपी)
17. नरेश गुजराल (शिरोमणि अकाली दल)
18. सीएम रमेश (बीजेपी)
19. सुखेंदु शेखर राय (तृणमूल कांग्रेस)
20. भूपेंद्र यादव (बीजेपी)
बता दें कि लोक लेखा समिति का काम सरकारी खर्चों के खातों की जांच करना है। इसके लिए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट आधार होती है। लोक लेखा समिति की रिपोर्टों में सिफारिशें होती हैं जो तकनीकी रूप से सरकार के लिए जरुरी नहीं है लेकिन उन्हें गंभीरता से लिया जाता है और सरकार संसद में कार्रवाई करती है।इस समिति का कार्यकाल एक साल का होता है। विपक्षी दलों की राय से लोकसभा अध्यक्ष इस समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति करता है। समिति में अधिकतम सदस्य संख्या 22 होती है।