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रवि ठाकुर का कहना है कि उस पत्र में लिखा गया था कि सुक्खू प्रदेश में बेहतरीन काम कर रहे हैं, उन्हें अपने पद पर बने रहने देना चाहिए। उस पत्र पर सुक्खू के हक में 14 से ज्यादा विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे। रवि ठाकुर का कहना है कि यहां तक इस मर्तबा पत्र की बात है उन्होंने किसी भी ऐसे पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए, जिसमें सीएम वीरभद्र सिंह का विरोध दर्ज किया गया हो। इसी तरह इस शोर के बीच सीपीएस व सुंदरनगर से विधायक सोहन लाल का भी कहना है कि उन्होंने भी सीएम वीरभद्र सिंह का विरोध जताने वाले किसी भी पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
उनका कहना है कि वैसे तो पार्टी स्तर पर या सीएलपी की बैठक में कई कागजों पर समर्थन जताने के लिए हस्ताक्षर लिए जाते हैं। पर इस तरह के किसी पत्र पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। बैजनाथ से विधायक किशोरी लाल भी सीएम वीरभद्र सिंह के खिलाफ किसी भी तरह के पत्र पर हस्ताक्षर करने की बात को साफ नकारते रहे। अब यह छह विधायक कौन हैं,यह तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का काम देखने वाले कौशल विद्यार्थी या फिर स्वयं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ही बता सकते हैं।
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