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विधायक ने विस का विशेष सत्र बुलाने की वकालत की, Jai Ram सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
Last Updated on June 14, 2020 by Vishal Rana
शिमला। कसुम्पटी कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने कोविड-19 के हालातों पर चर्चा के लिए विधानसभा (Vidhan Sabha) का विशेष सत्र (Special Session) बुलाए जाने की वकालत की है। वहीं,कोविड (Covid) संकट में सरकार द्वारा विधायक निधि पर लगाई गई रोक को भी हटाए जाने की मांग की है, ताकी विधायक अपने चुनाव क्षेत्र में रुके काम हुए कार्यों को गति दे सकें। कसुम्पटी कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह (MLA Anirudh Singh) यहां मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने जयराम सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। विधायक ने कहा कि सरकार कोरोना (Corona) की महामारी से सही तरह से निपटने और व्यवस्थाएं लागू करने में फेल रही है। उन्होंने कोविड फंड के दुरुपयोग के भी गंभीर आरोप लगाए हैं।विधायक ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में सरकार ने एक भी पैसा खर्च नहीं किया है। विधायक अनिरुद्ध सिंह ने चुनौती दी है कि सरकार आरोपों को गलत साबित करके दिखाए।
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कसुम्पटी विस में सरकार ने एक भी पैसा नहीं खर्चा
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सरकार ने प्रदेश भर के हर वर्ग के लोगों से कोविड फंड के नाम के भारी भरकम पैसा जुटाया है, लेकिन सरकार ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में एक रुपया भी खर्च नहीं किया है। अनिरूद्ध सिंह ने सरकार पर कोविड काल में जनता की सही तरीके से देखभाल नहीं की और प्रदेश के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया। सरकार राजधानी शिमला तक के लिए कोई ऐसी व्यवस्था नहीं कर पाई, जिससे राजधानी क्षेत्र सुरक्षित रह सके। उल्टा मंडी से कोविड मरीज लाकर शिमला (Shimla) के अस्पतालों में भर्ती किए जा रहे हैं। शिमला के लोगों के विरोध के बावजूद शहर के भीतर डीडीयू अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया, लेकिन अब आईजीएमसी (IGMC) में कोविड मरीज आने के बाद अस्प्ताल में कोई मरीज ईलाज के लिए नहीं जा पा रहा है।
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सरकार ने ना तो किसानों की चिंता की और ना ही पुष्प उत्पादकों और ना ही छोटे कारोबारियों की सुध ली। आज हालात ये हैं कि तीन महीने से जो बेरोजगार हो गए हैं उनके लिए भी कोई सोच और नीति सरकार के पास नहीं है। प्रदेश में ना तो सड़कों पर बसें चल पा रही हैं और ना ही बस मालिकों को किसी तरह की राहत का इंतजाम किया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार ने लोगों को राहत के लिए तीन महीने का राशन देने का दावा किया है, लेकिन दो महीने से ज्यादा वक्त हो गया है, केवल अभी भी कागज भरे जा रहे हैं।