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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा केंद्र सरकार (Central Govt) को लाभांश और अधिशेष कोष के मद से 1।76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के फैसले पर कांग्रेस (Congress) ने करारा हमला बोला है। मंगलवार को कांग्रेस नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार के दबाव में रिजर्व बैंक ने अपनी सीमा क्रॉस की है और इसका परिणाम भयावह हो सकता है। इस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था के हालात पर एक हफ्ते के भीतर श्वेतपत्र लाने की मांग की है। शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि रिजर्व बैंक के समूचे सरप्लस को एक बार में ही सरकार को देने का निर्णय लिया गया है। इसमें पिछले एक साल की रिजर्व बैंक की आय भी शामिल है। बेरोजगारी चरम पर है। देश का निर्यात पांच साल पहले के स्तर पर है, सरकार के पास निवेश करने को पैसा नहीं, बैंकों के पास कर्ज देने को रकम नहीं। ऐसे में रिजर्व बैंक ने ऐसा निर्णय लिया जो खतरे की घंटी है। रिजर्व बैंक के बोर्ड ने सरकार के दबाव में यह निर्णय लिया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि रिजर्व बैंक ने कॉन्टिजेंसी फंड की सीमा में बदलाव करने का निर्णय लिया है। ये आपातकाल के लिए था, जब 2008 में मंदी आई थी तो हमारे पास इस तरह का पर्याप्त फंड होने से देश को संभाला जा सका था। उन्होंने कहा, ‘तमाम कमेटियों ने पहले कॉन्टिजेंसी फंड 8 से 12 फीसदी रखने को कहा था, लेकिन रिजर्व बैंक ने इसे घटाकर 6।4 फीसदी तक कर दिया था। अब इसे घटाकर 5।5 फीसदी कर दिया गया है। इसे डेंजर मार्क से नीचे लाया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘रघुराम राजन सहित सहित सभी पूर्व गवर्नर ने इसका विरोध किया था। डॉ। सुब्बाराव, डॉ। रेड्डी, डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने इसको विनाशकारी बताया था। दुनिया में जब कोई बहुत बड़ा संकट आता है, तब ऐसा किया जाता है, अर्जेंटीना ने हाल में ऐसा किया था तो वहां की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई। इसी के विरोध में उर्जित पटेल ने इस्तीफा दिया है। इस निर्णय के विनाशकारी प्रभाव होंगे’।
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