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शिमला। कांग्रेस ने प्रदेश सचिवालय (Himachal secretariat) में हिमाचल से बाहर के लोगों की नियुक्तियों (Appointments of Outsider) पर हैरानी जताते हुए कहा है कि यह पूरी तरह से प्रदेश के पढ़े लिखे बेरोजगारों के साथ धोखा है। इन नियुक्तियों में सीधे-सीधे किसी बड़े भ्रष्टाचार की बू आ रही है, जिस की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के हकों से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि प्रदेश की सरकारी नौकरियों पर केवल प्रदेशवासियों का ही अधिकार होना चाहिए। इस पर प्रदेश के किसी भी बाहरी का अतिक्रमण सहन नहीं किया जा सकता। पहले ही प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा लाखों में पहुंच गया है। इसलिए इन नौकरियों पर पहला हक प्रदेश के लोगों का है। राठौर ने प्रदेश सचिवालय के कर्मचारियों की चिंता को वाजिव ठहराते हुए कहा है कि सचिवालय में तृतीय श्रेणी में प्रदेश के बाहरी लोगों की सीधी नियुक्ति सही नहीं है। उनका मानना है कि ऐसा होने से प्रदेश सचिवालय सर्विसेज के कामकाज पर विपरीत असर पड़ सकता है।
राठौर ने कहा है कि कांग्रेस (Congress) प्रदेश में उद्योगों के नाम पर 118 की छूट की बंदर बांट नहीं होने देगी। इस पर कांग्रेस की पूरी नजर है। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर से मांग की है कि नए उद्योगों को कोई भी सरकारी या निजी जमीन उपलब्ध करवाने से पूर्व लोगों से उनकी पूरी सहमति लें। सरकार ने अब तक कितने मामलों में 118 की छूट लोगों को दी है, इसकी जानकारी भी सार्वजनिक की जाए।
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