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मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि किसी शख्स द्वारा ‘सिर्फ उसी महिला से प्यार’ करने का आश्वासन देकर बनाए गए यौन संबंध (Sexual relations) को सहमति से सेक्स (Sex with Consent) नहीं बल्कि रेप (Rape) माना जाएगा। कोर्ट ने यह बात एक महिला की याचिका पर कही जिसमें उसने एक शख्स पर ‘सिर्फ उसी से प्यार’ करने का झांसा देकर संबंध बनाने का आरोप लगाया था। यह आदेश सुनाते हुए जस्टिस सुनील शुकरे और माधव जामदार ने बलात्कार के मामले में आरोपी को रिहा करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
आरोपी के मुताबिक, उसका एक महिला के साथ सहमति से संबंध था। उसने दावा किया कि उनके बीच प्रेम संबंध थे और उसने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की सहमति दी। हालांकि, महिला ने दावा किया कि उसकी सहमति गलत धारणा के तहत दी गई थी, क्योंकि पुरुष ने उसे झूठा आश्वासन दिया था। उसने दावा किया कि उसने उसे इस आधार पर बहकाया कि वह केवल उसी से प्यार करता है। वहीं शारीरिक संबंध बनाने के युवक ने लड़की के साथ अपने रिश्ते को खत्म कर दिया था। कोर्ट ने शख्स को रिहा करने के याचिका खारिज करते हुए कहा कि जैसा कि पुरुष द्वारा दिया गया आश्वासन महिला को वास्तविक रूप से गलत बताने के लिए पर्याप्त था। इस प्रकार, याचिका बिना किसी योग्यता के है और खारिज किए जाने के योग्य है।
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