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Medical College Tanda में सराय का निर्माण में फंड बना रोड़ा, अधर में लटका काम
Last Updated on June 22, 2020 by Deepak
धर्मशाला। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा (Medical College Tanda) में निर्मित होने वाली सराय का निर्माण कार्य फंड के अभाव में अधर में लटक गया है। मेडिकल कॉलेज टांडा में इलाज करवाने के लिए दूर दराज के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों के ठहरने का कोई प्रबंध नहीं है। टांडा मेडिकल कॉलेज में रोजाना इलाज करवाने के लिए दूर-दूर से सैकड़ों मरीज आते हैं। हमीरपुर (Hamirpur), चंबा, ऊना (Una) और मंडी (Mandi) आदि जिलों से कई बार मरीज शाम को पहुंचते हैं। शाम को कई बार अस्पताल में एडमिशन नहीं मिलने के चलते उन्हें रात गुजारने के लिए कांगड़ा (Kangra) के साथ लगते क्षेत्रों में होटल का कमरा लेना पड़ता है। इससे उनकी जेब काफी ढीली हो जाती है। अस्पताल में सराय बनने के बाद रोगी और तीमारदार सामान्य दाम पर सराय में कमरा ले सकेंगे। उन्हें अस्पताल के फर्श या बाहर खुले आसमान के तले रात नहीं गुजारनी पड़ेगी। ऐसे में कांगड़ा-चंबा के तत्कालीन सांसद शांता कुमार (Shanta Kumar), तत्कालीन राज्यसभा सदस्य विप्लव ठाकुर (Viplav Thakur) ने वर्ष 2015 में 25-25 लाख रुपए अपनी सांसद निधि से दिए। इसके अतिरिक्त भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (भेल) ने दो करोड़ रुपए सराय निर्माण कार्य के लिए स्वीकृत किए।
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2016 में रखी थी सराय की आधारशिला
भेल ने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के अंतर्गत वर्ष 2017 में स्वीकृत राशि की 39 लाख रुपए की पहली किश्त मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास जमा करवा दी। जिससे टांडा अस्पताल में आधुनिक सुविधाओं से लैस सराय का निर्माण किया जा सके। इसी के चलते 19 अप्रैल, 2016 को तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) ने दोनों सांसदों की उपस्थिति में सराय की आधारशिला भी रख दी। कंपनी ने मई 2017 में 39 लाख की पहली किश्त भी जारी कर दी तथा अस्पताल प्रशासन ने 89 लाख की राशि लोक निर्माण विभाग को सौंप कर निर्माण की जिम्मेदारी भी सौंप दी। लोक निर्माण विभाग ने 5 फरवरी 2018 को 2.19 करोड़ रुपए का टेंडर आमंत्रित कर सुरिन्दरा ट्रेडर्स कंपनी को सराय का निर्माण कार्य भी अलॉट कर दिया। लेकिन स्वीकृत राशि से अधिक निर्माण कार्य होने व् पेमेंट न होने के चलते कंपनी ने निर्माण कार्य बंद कर दिया। लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार प्रारूप के तहत प्रथम चरण में दो मंजिला सराय भवन पर दो करोड़ 50 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान था। 457 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्माणधीन दो मंजिला सराय भवन के निर्माण के लिए दो साल की समयावधि निर्धारित की गई थी लेकिन विभाग ने दावा किया था कि इसे छह माह में तैयार कर जन सुविधा में लोकार्पित कर दिया जाएगा।
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बरामदों में तीमारदारों की असुविधाजनक स्थिति देख विचलित हो उठे थे शांता
टीएमसी में सराय निर्माण की योजना दिसंबर, 2014 में उस समय बनी जब बीजेपी (BJP) नेता शांता कुमार मेडिकल कॉलेज टांडा में एक परिचित मरीज का कुशलक्षेम जानने पहुंचे तथा परिसर और बरामदों में तीमारदारों की असुविधाजनक स्थिति देख विचलित हो उठे। उन्होंने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से मिलकर तीमारदारों की सुविधा के लिए एक सराय की आवश्यकता जताई। इतना ही नहीं, उन्होंने निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुए अपनी तथा सांसद विप्लव ठाकुर की जमा निधि से 50 लाख रुपए की व्यवस्था भी की जो प्रशासन के पास 15 जनवरी, 2015 तथा 19 मई, 2015 को पहुंच भी गए। उन्होंने अपने प्रयासों से भारत हैवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड से भी सहयोग मांगा तथा करीब दो करोड़ की व्यवस्था का ना केवल भरोसा पाया बल्कि कार्य आरंभ होने पर पूरे धन का प्रबंध भी किया।
क्या कहना है पीडब्ल्यूडी एक्सईएन और मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल का
लोक निर्माण विभाग (PWD) के टांडा डिवीजन के एक्सईएन सुरेश वालिया ने बताया कि टीएमसी में सराय निर्माण के प्रथम चरण में दो मंजिला सराय भवन पर दो करोड़ 50 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान था। टीएमसी प्रशासन ने विभाग को 89 लाख का फंड उपलब्ध करवाया था, जिसकी एवज में कंपनी ने 2.20 करोड़ का निर्माण कर दिया है। फंड्स के अभाव में कंपनी ने निर्माण कार्य बंद कर दिया है। टीएमसी प्रशासन को कई मर्तवा पत्र लिखकर फंड्स रिलीज करने का आग्रह किया गया है, लेकिन अभी फंड्स जारी नहीं हुए हैं।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. भानु अवस्थी ने बताया कि टीएमसी में सराय निर्माण का कार्य फंड्स के अभाव में बंद है। भारत हैवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड कंपनी स्वीकृत राशि जारी नहीं कर रही है। इस संबंध में प्रदेश सरकार को भी पत्र प्रेषित किया गया है।