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हमीरपुर। नगर परिषद हमीरपुर पर एक ठेकेदार ने धोखाधड़ी (Fraud) और जालसाजी के आरोप लगाए हैं। ठेकेदार (Contractor) मुकेश कटोच ने बताया कि वर्ष 2016 में नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से नगर परिषद हमीरपुर से नालटी रोड पर दो मंजिला रैन बसेरा को तीन लाख रुपये सालाना किराया पर हासिल किया। भारी भरकम बोली लगाने के बाद उन्होंने नगर परिषद के खाते में तीन लाख रुपये जमा करवाए। इसके बाद उन्होंने रेंट एग्रीमेंट (Agreement) तैयार करने और रैन बसेरा की टपकती छतों को ठीक करने, रैन बसेरा तक पक्की सड़क बनाने के लिए कहा।
तीन लाख रुपये लेने के समय नगर परिषद ने शीघ्र सभी मांगों को एक हफ्ते में पूरा करने की बात कही, लेकिन नगर परिषद ने ना तो वर्ष 2020 तक एग्रीमेंट बनाया, ना टपकती छत की मरम्मत करवाई और ना ही रैन बसेरा तक पर्यटकों (Tourist) के पहुंचने के लिए सड़क बनाई है। मुकेश कटोच ने नगर परिषद पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले को लेकर वह अपने वकील के माध्यम से पिछले दो वर्षों से नगर परिषद को कानूनी नोटिस (Notice) भेज रहे हैं। मुकेश कटोच ने कहा कि वन विभाग में आरटीआई के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली है, जिसमें पता चला कि रैन बसेरा की जमीन वन विभाग की है।
कटोच ने कहा कि उन्होंने नगर परिषद में 6 लाख 30 हजार रुपये किराया के रूप में जमा करवाए, लेकिन रैन बसेरा में चतुर्थ श्रेणी कर्मी का परिवार रहता है, जिसके शोर शराबे के कारण यहां ठहरने वाले पर्यटक आधी रात को ही कमरा खाली करके चले जाते हैं, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान हुआ है। ठेकेदार का कहना है कि नगर परिषद ने रैन बसेरा के जिन कमरों के तालों को तोड़ कब्जा छुड़ाने का दावा किया है वह सरासर गलत है। कटोच ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2019 में ही रैन बसेरे पर कब्जा छोड़ दिया था, जिसके बाद नगर परिषद् ने ही कमरों को ताले लगाए थे, जिन्हें खुद तोड़ कर मेरे ऊपर ताले लगाने के आरोप लगाए जा रहे हैं, जो कि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि उनके साथ नगर परिषद ने धोखाधड़ी की है, जिसके खिलाफ अब न्यायालय में लड़ाई लड़ी जाएगी।
इस बारे में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी केएल ठाकुर ने कहा कि ठेकेदार द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। वहीं, रैन बसेरा में चतुर्थ श्रेणी कर्मी अपने परिवार सहित रहता है, उसके कारण अगर ठेकेदार को कोई परेशानी हुई है तो इसकी जांच की जाएगी।
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