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नई दिल्ली। नई शिक्षा नीति (New education policy) के ड्राफ्ट (Draft) को लेकर छिड़े विवाद (controversy) पर सूचना एवं प्रसारण और पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने सफाई पेश करते हुए कहा है कि नयी शिक्षा नीति पर सिर्फ एक रिपोर्ट सौंपी गई है, सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है, सरकार ने इसे अभी देखा तक नहीं है इसलिए ये गलतफहमी फैल गई है और ये झूठ है। इस मसले पर डीएमके अध्यक्ष स्टालिन (Stalin) ने ट्वीट कर कहा है कि तमिलों के खून में हिन्दी (Hindi) के लिए कोई जगह नहीं है, यदि हमारे राज्य के लोगों पर इसे थोपने की कोशिश की गई तो डीएमके इसे रोकने के लिए युद्ध करने को भी तैयार है। नये चुने गए एमपी लोकसभा में इस बारे में अपनी आवाज उठाएंगे।
कमल हासन की पार्टी ने कहा- हिन्दी पढ़ाये जाने का विरोध होगा
डीएमके और कमल हासन (Kamala hasan) की पार्टी मक्कल निधि मैय्यम ने कहा है कि तमिलनाडु में हिन्दी पढ़ाये जाने की केंद्र की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध किया जाएगा। डीएमके सांसद टी शिवा ने कहा कि तमिलनाडु में हिन्दी लागू करने की कोशिश कर केंद्र सरकार आग से खेलने की कोशिश कर रही है। बता दें कि नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट प्रकाश जावडे़कर के मानव संसाधन विकास मंत्री रहते हुए तैयार किया गया था। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का जिम्मा उत्तराखंड के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक को सौंपा गया है। नई एजुकेशन पॉलिसी का इंतजार करीब दो साल से हो रहा था और इसका ड्राफ्ट नए शिक्षा मंत्री को शुक्रवार को सौंपा गया था। पॉलिसी में सबसे ज्यादा फोकस भारतीय भाषाओं पर किया गया है।
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