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Corona ने छीन लिया पत्तल कारोबारियों से रोजगार अब पड़ गए रोजी रोटी के भी लाले
Last Updated on June 10, 2020 by Deepak
सुंदरनगर। कोरोना महामारी से जहां कई लोग बेरोजगार हो गए, वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का सदियों पुराना पत्तल व्यवसाय भी इससे अछुता नहीं रहा। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के परांपरागत पत्तल विक्रेताओं को इस लॉकडाउन में लाखों का नुकसान हुआ है। ग्राम पंचायत बग्गी के गांव घरवासडा के दर्जनों परिवार पत्तल बनाकर उसे बेच कर अपनी दो वक्त की रोटी का गुजारा करते हैं। लॉकडाउन के चलते शादी और अन्य समारोह ना होने से पत्तल का कारोबार पूर्ण रूप से बंद पड़ा है। जिसके चलते इन लोगों को अब दो वक्त की रोटी कमाना भी मुश्किल हो गया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि जनवरी से जून तक का महीना पत्तल के सीजन का होता है। इन दिनों पत्तल की आपूर्ति कड़ी मेहनत कर पूरी करनी पड़ती है।
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बता दें कि घरवासडा गांव के 70 प्रतिशत लोग पत्तल के कारोबार के अलावा बांस के सूपए चंगेर और टोकरू बनाने का कारोबार करते हैं। लेकिन कोरोना काल में उनका सामान दुकानों में ही खराब हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि गांव का प्रत्येक परिवार सीजन के दौरान प्रतिदिन एक हजार पत्तलें बेच कर अपना रोजगार कमाता है, लेकिन इस बार एक भी पत्तल बेच नहीं पाया है। कोरोना महामारी के कारण क्षेत्र के लोगों को लगभग 10 लाख रुपए के व्यापार का नुकसान हुआ है। लोग अपनी जमा पूंजी से अपने परिवार और सरकारी डिपो से राशन मुहैया होने से गुजारा कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते समारोह पर लगी रोक के चलते उन्हें इस बार लाखों रुपए का घाटा सहन करना पड़ रहा है।