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कोरोना ने बढ़ाई Taxi कारोबारियों की चिंता, एक साल तक कारोबार में गिरावट का अनुमान
धर्मशाला। कोरोना महामारी से बचाव को लॉकडाउन के चलते टैक्सी (Taxi) ड्राइवर, रोजाना मेहनत मजदूरी, होटल, ढाबों में काम करने वाले लोग पैसे ना होने से आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। ऐसे में पैसे नहीं होने से ये लोग परेशान हैं। लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि इनकी रोजी रोटी फिर से चल सकें। पर्यटन व्यवसाय (Tourism business) से जुडे लोगों के सामने भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। होटल, होम स्टे, रेस्टोंरेट, ट्रेवल एजेंसी जैसे कारोबार पूरी तरह से बंद पड़े हैं। अप्रैल मई का महीना पर्यटन रोजगार के लिए सबसे लाभ का समय होता है। लेकिन इस बार पिछले लगभग 35 दिन से टैक्सियां खड़ी हैं, होटलों में ताले लटके हुए हैं। कई कारोबारियों ने टैक्सियों, होटल तथा रेस्टोरेंट के लिए बैंकों से लोन लिए हैं, लेकिन कोरोना ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
कारोबार में 50 फीसदी तक आएगी गिरावट
टैक्सी कारोबार से जुड़े टैक्सी संचालकों का मानना है कि टैक्सी कारोबार में अगले एक वर्ष तक कम से कम 50 फीसदी तक गिरावट रहेगी, जिस कारण टैक्सी कारोबार (Taxi business) प्रभावित होगा। हाल फिलहाल कारोबार का पुराने स्वरूप में आना मुश्किल होगा। इसके दो कारण हैं। एक तो लोग खुद ही बाहर जाकर खाने से परहेज करेंगे। बहुत ही जरूरी मौकों पर वे निकलना चाहेंगे। इस वजह से भी लोगों की आवक कम रहेगी। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत अनिवार्य होगा। ऐसे में टैक्सी में जितने लोगों के बैठने की क्षमता है, उसमें कम से कम एक बार में 50 फीसदी की कटौती स्वत: हो जाएगी। जब टैक्सी में निर्धारित क्षमता से कम लोग बैठेंगे तो कारोबार पर असर पड़ेगा ही।
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ऑल हिमाचल टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के वाइस प्रेसिडेंट रमेश जरियाल का कहना है कि महामारी ने टैक्सी के कारोबार को बिल्कुल शून्य पर लाकर छोड़ दिया है। इससे उबरने में करीब एक से दो साल और उससे ज्यादा का समय भी लग जाएगा। लॉकडाउन खुलने के बाद लोग फूंक फूंककर कदम उठाएंगे। इससे उबर पाना इस कारोबार के लिए बहुत मुश्किल है। सरकार को ऐसी योजना बनानी चाहिए, ताकि यह कारोबार भी जिंदा रह सके। सरकार से आर्थिक कठिनाई से जूझ रहे टैक्सी संचालकों को सहायता की गुहार भी लगाई है।