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नई दिल्ली। चीन के वुहान से उपजे कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण ने भारत समेत पूरे विश्व में उत्पात मचा रखा है। पूरी दुनिया में अभी तक करीब 3 लाख 40 हजार से ज़्यादा लोग इस जानलेवा वायरस के शिकार हो चुके हैं, जबकि इस संक्रमण से करीब 14 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
हालांकि राहत देने वाली बात ये भी है कि 3 लाख 33 हज़ार संक्रमित लोगों में लगभग एक लाख लोग बिल्कुल स्वस्थ भी हो गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी लोगों के मन में कोरोना को लेकर खौफ है। वहीं खौफ अधिक होने के कारण लोगों के मन में कोरोना को लेकर कई तरह की भ्रांतियां भी हैं, वहीँ इस बारे में ढेरों अफवाहें भी उड़ाई जा रही हैं। ऐसे में लोगों को इन अफवाहों से बचने के लिए असल सच का जानना जरूरी है। तो इसी सिलसिले में आज हम आपको कोरोना वायरस टेस्ट के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जो आपके लिए बेहद कामगार साबित होंगी-
क्या है कोरोना टेस्ट और कैसे किया जाता है ?
एक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं ये उसके यूरिन या फिर खून के नमूने से पता नहीं लगता। इसके टेस्ट (Test) का तरीके में आपको थोड़ा असहज महसूस हो सकता है, लेकिन ये टेस्ट आसान है और जल्दी ख़त्म हो जाता है। इसमें आपकी नाक में एक लंबी क्यू-टिप को घुसाया जाता है और बलगम को टेस्ट के लिए लिया जाता है। ऐसा ही टेस्ट के लिए गले से बलगम के नमूने भी लिए जाते हैं। इस दौरान आपको सिर्फ शांत रहना है, इस टेस्ट में 10-15 सेकेंड से ज़्यादा देर नहीं लगती। आपकी नाक और गले से लिए गए नमूनो को एक साफ कंटेनर में रखकर सीधे लैब भेज दिया जाता है।
पूरी तैयारी के साथ टेस्ट कराने जाएं, घबराएं नहीं
टेस्ट कराने से पहले, आपके लक्षणों की कई बार जांच भी होगी। एक बार टेस्ट हो जाने के बाद, आपको आपकी यात्रा इतिहास के आधार पर, मौके पर भर्ती होने के लिए भी कहा जा सकता है। ऐसे में घबराने की ज़रूरत नहीं है, अपने दिमाग़ इस बात के लिए तैयार रहें कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। इसलिए जब भी अस्पताल जाएं, अपने साथ अपना ज़रूरी सामान ज़रूर रख लें। हो सके तो बेडशीट, पानी और घर का खाना साथ पैक कर लें। निश्चिंत रहें, सरकार इन जगहों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठा रही है। कई लोगों जिन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, उन्होंने इस बात को माना है। टेस्ट के नतीजे आने में दो दिन लग सकते हैं और आपको तब तक शांति से इंतज़ार करना होगा। अस्पताल में रहते हुए घबराने या डरने की ज़रूरत नहीं है।
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