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शिमला। हिमाचल में अब सर्दी-खांसी, बुखार जैसी बीमारियों का इलाज (Treatment) करने से पहले मरीज को कोरोना टेस्ट (Corona Test) करना अनिवार्य होगा। यह फैसला प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हुए लिया गया है। कोरोना टेस्ट में मरीज अगर पाजिटिव पाया जाता है तो उसे तुरंत आइसोलेट किया जाएगा। जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों (Medical Colleges and District Hospitals) में सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारी का इलाज कराने से पहले व्यक्ति को कोरोना टेस्ट करवाना होगा। अगर कोई मरीज संक्रमित निकलता है, तो उसे तुरंत आइसोलेट कर उसका उपचार किया जाएगा। गंभीर होने की स्थिति में मरीज को कोविड सेंटर (Covid Center) में भर्ती किया जाएगा।
बता दें कि हिमाचल के पांच जिलों ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, सिरमौर और सोलन में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। प्रदेश में रोजाना अब 400 के करीब कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। जिसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार (State Govt) ने यह फैसला लिया है। सरकार का मानना है कि ऐसा करने से सामुदायिक संक्रमण भी फैलने से रुकेगा। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने सभी डीसी, सीएमओ और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थीए जिसमें जिलों के हालात के बारे में जानकारी ली गई थी। इसमें यह भी सामने आया था कि सर्दी, बुखार, खांसी होने के बावजूद भी कई लोग टेस्ट नहीं करवा रहे हैं। तबीयत खराब होने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने अस्पताल में सर्दी खांसी बुखार से पीड़ित मरीजों का कोविड टेस्ट करने का निर्णय लिया है।
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