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नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एन95 मास्क के निर्यात (Export) पर बैन लगा दिया। केंद्र सरकार द्वारा यहा फैसला जनता की भारी डिमांड और ऑल फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर्स (AFDLH) फाउंडेशन की मांग पर लिया गया है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस (Corona virus) से बचाव के लिए सभी को घर से बाहर निकलते और घर में रहने के दौरान एन-95 (N95) मास्क लगाए दिए जाने की सलाह दी जा रही है।
इस बीच देश और विदेश में एन-95 मास्क की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि कंपनी को अपना उत्पादन दोगुना करना पड़ गया है। इससे पहले ऑल फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर्स (AFDLH) फाउंडेशन ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण को शुक्रवार को चिट्ठी भेज कर सर्जिकल फेस मास्क और N95 फेस मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की क्योंकि ये स्थानीय बाजारों में उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। चिट्ठी में कहा गया है, ‘फेस मास्क निर्माताओं को इनके बड़ी मात्रा में आर्डर मिल रहे हैं और इन्हें 10 गुणा तक अधिक दामों में बेचा जा रहा है। इसकी वजह से भारतीय नागरिकों को जरूरत पड़ने पर इन मास्क का मिलना मुश्किल हो रहा है। इसलिए इन मास्क के निर्यात और इनकी कीमतों को नियंत्रित किया जाना चाहिए।’
चीन (China) में कोरोनावायरस से अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत (Death) हो चुकी है। देश में जिस तेजी से यह वायरस फैल रहा है उसने इसके पब्लिक हेल्थ सिस्टम के सामने एक नई समस्या पैदा कर दी है। यहां इस वायरस से बचाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले N95 मास्क की भारी किल्लत पैदा हो गई है। N95 मास्क के लिए अब चीन ने भारतीय कंपनियों से सप्लाई तेज करने को कहा है। गौरतलब है कि N95 मास्क को कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने में कारगर माना जाता है। वहीं भारत सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कोरोना वायरस से बचने के लिए एन-95 मास्क मददगार साबित हो सकते हैं। ऐसे उत्पादों की मांग में तेजी आ सकती है।
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