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पशुओं पर दवाओं का ट्रायल करना होगा आसान, #PGI में देश की पहली #DSA_Lab स्थापित
Last Updated on November 18, 2020 by Sintu Kumar
चंडीगढ़। पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) में देश की पहली डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी लैब (Digital Subtraction Angiography Lab) की स्थापना की गई है। पीजीआई के रेडियो डायग्नोसिस और इमेजिंग डिपार्टमेंट में डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी (डीएसए) लैब स्थापित की गई है। पीजीआई का दावा है कि देश में अपनी तरह की यह पहली लैब है। इससे पशुओं पर रिसर्च करने में आसानी होगी। विभाग प्रमुख प्रो. एमएस संधु ने बताया है कि इस लैब के माध्यम से नई दवाओं का ट्रायल पशुओं पर करने में आसानी होगी बाद में इसी दवा का उपयोग मनुष्यों पर किया जाएगा।
डीएसए एक डिजिटल एक्सरे एमिटंग मशीन है। इसकी मदद से शरीर या किसी अंग की धमनियों में रक्त प्रवाह के पैटर्न को समझना आसान होगा। इंटरवेशनल रेडियोलाजिस्ट इस मशीन का प्रयोग शरीर के विभिन्न अंगों जैसे ब्रेन, लिवर, किडनी आदि की एंजियोग्राफी (Angiography) करने में करते हैं। रुकी हुई धमनियों को खोलने, धमनियों के लीकेज को रोकने और सटीक कीमोथेरेपी में भी इसका उपयोग होता है। कोई भी दवा बाजार में लाने से पहले उसका ट्रायल जानवरों पर किया जाता है। मौजूदा समय में देश में इंटरवेशनल ट्रीटमेंट के लिए किसी नए दवा या उपकरण के परीक्षण के लिए कोई सुविधा नहीं थी। इसके लिए अमेरिका, यूरोप या ईस्ट-एशिया के देशों में परीक्षण कराकर सर्टिफिकेशन होता है। इसकी प्रक्रिया लंबी हो जाती है, जिससे इलाज में देर होती है। इस लैब की स्थापना से इस बात की संभावना है कि कुछ हद तक यह समस्या दूर हो जाएगी।
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डीएसए की मदद से रोगों के निदान में सुविधा होगी। रेडियोलाजिस्टों (Radiologists) को दूसरे संस्थानों के साथ मिल कर रिसर्च करने का मौका मिलेगा। पीजीआई चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. जगतराम ने कहा कि पीजीआई में देश की पहली डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी लैब की स्थापना होना चंडीगढ़ के लिए गौरव की बात है। इससे शोध कार्य में आसानी के साथ ही तेजी भी आएगी। अब शोध सर्टिफिकेशन के लिए हमें दूसरे देश में परीक्षण का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।