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नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन (Lockdown) पर रखा गया है। इस बीच अर्थव्यवस्था से जुड़ी एक परेशान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। दरअसल इस रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि कोरोना के प्रकोप की वजह से भारत में जो लॉकडाउन चल रहा है उसका इकोनॉमी पर बहुत गंभीर असर पड़ेगा। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट के अनुसार 21 दिन के इस लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को 100 अरब डॉलर यानी करीब 7.6 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।
इस रिपोर्ट में देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस बात का दावा किया गया है कि इस लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को हर दिन 4.5 अरब डॉलर यानी करीब 34 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च के सीईओ शंकर चक्रवर्ती ने कहा, हमने वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी अनुमानों का आकलन करने के लिए कई तरीके अपनाए हैं। हमारा मानना है कि जिस तरह कोविड-19 से पहले पांच फीसदी के विकास का अनुमान लगाया गया था, उससे तुलना करें तो इस बात में जोखिम है कि यह आकंड़ा पांच से छह फीसदी तक पहुंचे। एजेंसी के अनुसार, इन क्षेत्रों में लगभग 50 फीसदी सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) हानि होगी। वहीं वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में समग्र जीवीए हानि लगभग 22 फीसदी होगी।
वहीं दूसरी ओर इस संकट के दौरान जिन क्षेत्रों की गतिविधियां बढ़ी हैं, उनमें संचार सेवाएं, प्रसारण और स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं। हालांकि इन क्षेत्रों का समग्र जीवीए में मात्र 3.5 फीसदी के साथ एक छोटा-सा योगदान है। गौरतलब है कि कोरोना का कहर दुनिया में बढ़ता जा रहा है और इसकी वजह से दुनिया के करीब एक—तिहाई देशों में लॉकडाउन की स्थिति है। इससे दुनियाभर की इकोनॉमी को काफी नुकसान हो रहा है। देश में कोरोना वायरस के मामलों ने रफ्तार पकड़ ली है, जो कि चिंता बढ़ाने वाला है। गुरुवार सुबह तक कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस की संख्या 2000 के पार चली गई है, जबकि इसके कारण अब तक 65 लोगों की मौत हो गई है।
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